लक्सरआखिरकार इंतजार की घड़ियां खत्म हुई,लौकड़ाऊंन के दौरान अलग अलग राज्यो में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुचाने का काम शुरू हो गया है।
इसी के चलते आज लक्सर से भी 181 लोगो को यू पी के अलग अलग हिस्सों में भेजा है रहा है।इन सभी लोगो को पहले लक्सर से भगवानपुर तक बस के माध्यम से भेजा जाएगा।उसके बाद भगवानपुर से क्रमानुसार सबको जो जहाँ का रहने वाला है उसको उसी हिसाब से बॉय रॉड भेजने की व्यवस्था की गई है।सबके लिए गाइडलाइंस भी जारी की गई है,बाकायदा घर पहुचने पर सबका मेडिकल चेकअप कराया जाएगा।
आपको बता दें 22 मार्च के बाद सरकार द्वारा लॉक डाउन घोषित कर दिया गया था इस दौरान पंजाब हरियाणा राजस्थान में काम करने वाले मजदूर ,छात्र,यात्री अपने अपने घरों का रुख करने लगे थे। लक्सर पहुंचने पर पुलिस और प्रशासन द्वारा इनको लक्सर में ही रोक दिया गया प्रशासन द्वारा इनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई साथ ही इन के मनोरंजन का ख्याल रखते हुए खेलकूद का समान और टीवी की व्यवस्था भी की गई 34 दिनों तक यह सभी लोग लक्सर के अलग-अलग राहत शिविरों में रह रहे थे।वही अब सरकार द्वारा इन लोगों को इनके घर भेजने की कवायद शुरू कर दी है।शांसन के माध्यम से इन लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।
लक्सर के राहत शिविर में रह रहे लोगों को जैसे ही जानकारी मिली कि उनको उनके घर भेजा जा रहा है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा मानो ऐसा लग रहा था जैसे उनको खुशी के पंख लग गए हो इसी धुन में राहत शिविर में रह रहे लोगों ने जमकर डांस किया और खुशी मनाई। इस बाबत राहत शिविर में रहने वाले लोगों से बात की गई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था उन्होंने कहा कि आज हम अपने घर जा रहे हैं हमें बहुत खुशी है साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन को व उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद दिया उन्होंने कहा कि हमारे रहने और खाने की बहुत अच्छी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है मगर अपनों के मिलने की खुशी ही कुछ अलग होती है आज हम बहुत खुश हैं आज हम अपने घर जा रहे हैं।
वही इस बाबत लक्सर उपजिलाधिकारी पूरन सिंह राणा ने बताया कि शासन द्वारा बसों की व्यवस्था की गई है पहले चरण में उत्तर प्रदेश के लोगों को ही भेजा जा रहा है इन लोगों को उत्तराखंड के बॉर्डर तक पहुंचाया जाएगा उसके बाद बॉर्डर से यू पी की दूसरी बसों द्वारा इनके गंतव्य तक इनको पहुंचाया जाएगा। इन लोगों के रास्ते में खाने पीने की व्यवस्था के लिए इनको भोजन की व्यवस्था कर दी गई है।