प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने साफ तौर पर कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लोग समझ नहीं पा रहे हैं मंत्री के अनुसार मेरा यह आग्रह होगा कि लोग इस बोर्ड को पढ़ें उनके अनुसार हम लोग देवस्थानम बोर्ड का बिल भी छपवा रहे हैं और हमारा यह मानना है कि लोग बिल को पढ़ें और उसका अध्ययन करेंउनके अनुसार जो हक हैं जो हक हकूक हैं उनको हमने डिफाइंड किया हुआ है पहली बार उत्तराखंड के अंदर तीर्थ पुरोहितों के दस्तूर उनके हक हकूक डिफाइंड किया हुआ है और मैं समझता हूं कि उनके अधिकारों को सुरक्षित किया गया है तो निश्चित रूप से लोग इसको जब समझेंगे तो अप्रिशिएट भी करेंगेउन्होंने हिमाचल का भी उदाहरण देते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने सारे मंदिरों को श्राइन बोर्ड में डाला उनके अनुसार इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री मे जो समितियां उसको चला रही थी वहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण नहीं कर पा रही थी उनके अनुसार रास्ता भी एक ही है जिसमें सब चीजें चलती हैं वहां पर हर चीज चल रही है घोड़ा गाड़ी भी जा रही है आदमी भी जा रहे हैंजैसे-जैसे यात्री बढ़ रहे हैं जैसे-जैसे रेल की कनेक्टिविटी बढ़ रही है ऑल वेदर रोड बन रही है जैसे जैसे लोग बढ़ेंगे उनकी सुविधाओं के लिए हमारे पास व्यवस्था नहीं है उनके अनुसार व्यवस्थाओं को बनाने के लिए हमें बोर्ड का गठन करना पड़ा और यह तमाम व्यवस्थाएं करनी पड़ी और बिल पास किया गया
