कोटद्वार–उत्तराखंड के कौड़िया स्थित विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह कैंप में आयोजित सेना भर्ती रैली के 13वें दिन देहरादून जिले के युवाओं की भर्ती आयोजित की गई। इस दौरान 317 युवाओं ने दौड़ पूरी की। भर्ती के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए करीब 50 मुन्ना भाईयों को फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया।युवकों ने बताया कि दलालों ने फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के 15 से 30 हजार रुपये तक लिए हैं। सेना के अधिकारियों ने मुन्ना भाइयों के फर्जी कागजात जब्त कर उन्हें कैंप के बाहर खदेड़ दिया। बता दें कि गुरुवार को भी भर्ती कैंप में पहुंचे उत्तराखंड के 35 मुन्नाभाईयों को अधिकारियों ने पकड़ा था।शुक्रवार को देहरादून जिले की चकराता, विकासनगर और त्यूनी तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती हुई। सुबह पांच बजे काशीरामपुर तल्ला से युवकों को गबर सिंह कैंप में लाया गया। प्रारंभिक जांच के बाद युवकों को दरबान सिंह स्टेडियम में 1600 मीटर दौड़ाया गया, जिसमें 317 युवकों ने दौड़ पूरी कर ली। दौड़ पूरी करने के बाद सुबह साढ़े 9 बजे सेना के अधिकारियों को जब युवक अपने प्रमाणपत्रों की जांच कराने के लिए पहुंचे तो एक के बाद एक 50 युवकों के प्रमाणपत्र फर्जी मिले। जांच में युवकों के देहरादून जिले के विभिन्न स्थानों से बनाए गए शैक्षिक प्रमाणपत्र, मूल निवास तक फर्जी मिले। सेना के खुफिया विभाग ने सख्ती से पूछताछ की तो युवाओं ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, देवबंद, सहारनपुर, मथुरा और बुलंदशहर जिलों के रहने वाले हैं। देहरादून में एक दलाल ने उन्हें सेना में भर्ती कराने का लालच दिया।
उन्होंने आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाणपत्र सहित अन्य दस्तावेज बनाने के लिए दलाल को 15-30 हजार रुपये दिए थे।सेना भर्ती अधिकारी कर्नल विनीत बाजपेयी ने बताया कि भर्ती रैली के दौरान पूरी पारदर्शिता अपनाई जा रही है। फर्जी प्रमाणपत्र से भर्ती होना नामुमकिन है। उन्होंने युवाओं से दलालों के चक्कर में न पड़ने की अपील की। अब दो जनवरी को देहरादून जिले की ऋषिकेश, डोईवाला, कालसी तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती की जाएगी।