MSP for Kharif Crop दलहनी और तिलहनी फसलों का समर्थन मूल्य 300 से 523 रुपये तक बढ़ाया गया है। सरकार के फैसले से किसानों का फसल विविधीकरण रुझान बढ़ेगा। साथ ही धान का एमएसपी सौ रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2040 रुपये कर दिया गया है।
दाल और खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के तहत सरकार ने दलहनी व तिलहनी फसलों के एमएसपी में 300 रुपये से लेकर 523 रुपये प्रति क्विंटल की जबरदस्त वृद्धि की है। माना जा रहा है कि इस फैसले से ना केवल किसानों का रुझान फसल विविधीकरण की ओर बढ़ेगा बल्कि दोनों खाद्य पदार्थो का आयात घटाने में भी मदद मिलेगी। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने धान का एमएसपी सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2040 रुपये कर दिया है।
फसल वर्ष 2022-23 की खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि करने के दौरान आयातित जिंस वाली फसलों पर ज्यादा जोर दिया गया है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ‘बीज से बाजार तक’ किसानों की मदद कर रही है। खरीफ की खेती शुरू होने से पहले फसलों की एमएसपी की घोषणा से किसानों को फसलों की खेती के चयन में सहायता मिलेगी। सीसीईए में हुए फैसले के मुताबिक सबसे अधिक 523 रुपये की वृद्धि तिल में हुई है। जबकि मक्के का एमएसपी 92 रुपये बढ़ा है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि खरीफ सीजन की कुल आठ फसलों के समर्थन मूल्य में उनकी लागत से डेढ़ गुना की वृद्धि की गई है। जबकि छह फसलों में 51 से 85 फीसद की वृद्धि हुई है। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक चालू मानसून सीजन (जून से सितंबर) में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसके मद्देनजर खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान और बाजरा में सौ रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
जबकि दलहनी फसल तूर (अरहर) और तिलहनी फसल मूंगफली का न्यूनतम मूल्य 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। कामन ग्रेड वाले धान का मूल्य 2040 रुपये कर दिया गया है जो पिछले सीजन में 1940 रुपये प्रति क्विंटल था। जबकि ए ग्रेड वाले धान का मूल्य 1960 रुपये से बढ़ाकर 2060 रुपये कर दिया गया है।