केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विकास मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत अब किसी भी सड़क को बनाने के लिए पेड़ नहीं काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत अब पेड़ ट्रांसप्लांट कर काम किया जाएगा। भाजपा के दृष्टि पत्र को जारी करने के दौरान गडकरी ने कहा कि ऑल वेदर रोड परियोजना उत्तराखंड की लाइफ लाइन साबित होगी।
उन्होंने कहा कि इससे चारधाम यात्रा में सुगमता आने के साथ ही चीन सीमा तक सेना को अच्छी सड़क मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी है कि परियोजना के कई हिस्सों पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। लेकिन हमारा वादा है कि परियोजना के तहत अब एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण सरंक्षण का काम करेंगे और परियोजना के तहत बनने वाली सड़कों के लिए एक भी पेड़ को नहीं काटा जाएगा। सभी पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही पूर्व सैनिकों की भी मदद ली जाएगी। यदि कोई पेड़ मर जाता है तो उसके बदले तीन पेड़ों का खर्चा दिया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि ऑल वेदर रोड परियोजना का काम इसी साल पूरा होगा और अब बादल फटने से भी यात्रा बाधित नहीं होगी। राज्य में सड़क के साथ ही टनल और रोपवे परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। राज्य में सात स्थानों पर रोपेव भी बनाए जा रहे हैं। इसमें केदारनाथ में 985 करोड, हेमकुंड 764 करोड़ में रोपवे का निर्माण होगा। इसके लिए टेंडर हो चुके हैं। इसके अलावा राज्य में ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गौरसौं, नैनीताल में रानीबाग और पिथौरागढ़ में भी तीन रोपवे परियोजना के निर्माण को शुरू कराया जाएगा।
विकास के लिए बजट नहीं, दृष्टि की कमी : गडकरी ने कहा कि देश में विकास परियोजनाओं के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है, बल्कि दृष्टि की कमी है। उन्होंने कहा कि नेत्र दान तो किया जा सकता है लेकिन दृष्टि का दान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जब ऑल वेदर रोड परियोजना पर रोक लगी तो मैंने जनरल बिपिन रावत और अजीत डोभाल से कहा कि आप सेना की ओर से इन सड़कों के निर्माण में मदद कराइए। चीन सीमा तक सड़कों का जाल बिछा चुका है और हमारी सड़कें नहीं बन पा रही हैं।