उत्तराखंड

ऊर्जा के सभी निगमों के कार्यो की होगी जांच सीएम हैं सख्त

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में उरेडा द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाय। उरेडा द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका विकासखण्ड मुख्यालय पर होर्डिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन के लिए स्वयं सहायता समूह एवं एनजीओ को कैसे जोड़ा जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय जनपदों में दो-दो ब्लॉक ऐसे चिन्हित किये जाय, जहां पिरूल अधिक है। इन ब्लॉकों में मॉडल ब्लॉक के रूप में कार्य शुरू किये जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन में रोजगार में बहुत संभावनाएं है। महिला स्वयं सहायता समूहों को और अधिक एक्टिव किया जाय। इसके लिए जनपद स्तर पर डीएफओ को नोडल अधिकारी बनाया जाय। पिरूल नीति से बिजली उत्पादन के साथ ही वनाग्नि की समस्या का समाधान भी होगा।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो बिजली के उपकरण बनाये जा रहे हैं, उनकी मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाय। विशेष उत्सवों एवं पर्वों पर सरकारी कार्यालयों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की कार्ययोजना शीघ्र तैयार कर ली जाय। पंचायतीराज विभाग के माध्यम से ग्राम प्रधानों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। इस योजना के लिए पूरा रोड मैप तैयार किया जाय। ग्रीन एनर्जी के कॉन्सेप्ट पर अधिक कार्य किया जाय।
सचिव ऊर्जा  राधिका झा ने कहा कि प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। सोलर में 272 मेगावाट के कार्य स्थापित हो चुके हैं, वर्ष 2019 -20 में 283 विकासकर्ताओं को 203 मेगावाट सौर परियोजनाएं आवंटित की गई है। जिसका कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण हो जायेगा। लघु जल विद्युत के 202 मेगावाट के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 1099 मेगावाट के कार्य प्रगति पर हैं। बायोमास एवं को-जनरेशन के क्षेत्र में 131 मेगावाट के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 39 मेगावाट के कार्य प्रगति पर हैं। नगरीय कूड़े करकट से विद्युत उत्पादन के लिए वेस्ट टू इनर्जी नीति का गठन किया गया है। इसके लिए शहरी विकास विभाग द्वारा निविदा की प्रक्रिया गतिमान है। 203 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रदेश के स्थायी निवासियों को आवंटित की गई थी, कोविड-19 की वजह से इन परियोजनाओं के स्थापित होने में और समय लगेगा।
निदेशक उरेडा कैप्टन आलोक शेखर तिवा़री ने कहा कि पिरूल नीति-2018 के अन्तर्गत ऊर्जा उत्पादन हेतु 1060 कि.वा. क्षमता की परियोजनाएं 36 विकासकर्ताओं को आवंटित की गई हैं। प्रदेश में वैकल्पिक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ग्रीन सैस एक्ट पारित किया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों में केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर 19,655 सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्थापना का कार्य चल रहा है। यह कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण हो जायेगा। प्रदेश के सरकारी आवासीय विद्यालयों में निवासरत छात्रों को गर्म पानी की सुविधा हेतु कुल 50500 ली. प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटिंग संयंत्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक गांव को ‘‘ऊर्जा दक्ष ग्राम’’ के रूप में विकसित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। एलईडी ग्राम योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश की लगभग सभी 08 हजार ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाईट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्युत की खपत में कमी करने के लिए सैकी के माध्यम से चयनित फर्मों द्वारा 1.899 पैसा प्रति यूनिट की दर पर सोलर पावर प्लान्ट लगाये जाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The True Fact

Author Message

अगर आपको हमारी ख़बरे अच्छी लगती हैं तो किर्पया हमारी खबरों को जरूर शेयर करें, यदि आप अपना कोई लेख या कोई कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप या हमें ई मेल सन्देश भेजकर साझा कर सकते हैं. धन्यवाद

E-Mail: thetruefact20@gmail.com

 

AUTHOR

Author: Pawan Rawat
Website: www.thetruefact.com
Email: thetruefact20@gmail.com
Phone: +91 98970 24402

To Top