देवढुंग क्षेत्र में एक एनजीओ के नवनिर्मित भवन में सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने के मामले में पुलिस ने ईसाई मिशनरी से जुड़े सात लोगों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में मामला दर्ज कर लिया है।
बीते दिन देवढुंग क्षेत्र में एक एनजीओ के नवनिर्मित भवन में एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें बाहर से आए धर्म विशेष के लोगों ने नेपाली मूल के करीब एक दर्जन लोगों सहित कुछ स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया था। ग्रामीणों ने वहां पहुंच कर सामूहिक धर्मांतरण करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इस मामले में शुक्रवार देर रात पुलिस ने विश्व हिंदु परिषद के कार्यकारी जिलाध्यक्ष वीरेंद्र रावत की तहरीर पर नेपाली मूल के जगदीश सहित ईसाई मिशनरी के कुल सात लोगों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
दूसरी ओर भाजपा सहित हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने नगर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, जिसमें गरीब ग्रामीणों को लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान उपेंद्र असवाल, सुनील भंडारी, बृजमोहन चौहान, अमित नौडियाल, पवन नौटियाल, भगवान शर्मा, बलवीर राणा, सोनू कपूर, राजपाल पंवार मौजूद रहे।
धर्मातंरण के विरोध में पुरोला के व्यापारियों ने एक घंटे बाजार बंद रखा। व्यापारियों का कहना था कि देवभूमि में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक बाजार बंद रखकर विरोध जताया। व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने धर्मांतरण मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
धर्मांतरण के मामले में ईसाई मिशनरी सहित कुल सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में विवेचना जारी है। तथ्य जुटाए जा रहे हैं।