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पी०एम० स्वनिधि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को सरकार ने किया ये महत्वपूर्ण आदेश जारी

पी०एम० स्वनिधि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को दिये जाने वाले ऋण के सम्बन्ध में उपर्युक्त विषयक शासन के पत्र संख्या 1/42016/2022 दिनांक 10.06.2022 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें उक्त पत्र के माध्यम से दिनांक 03.06.2022 को पी०एम० स्वनिधि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों की मुख्य सचिव महोदय उत्तराखण्ड शासन के साथ हुयी बैठक के सम्बन्ध में निम्न निर्देश जारी किये गये है।

निकाय द्वारा नये वैण्डिग लाईसेन्स जारी किये जाये और लाईसेन्स अवधि 5 वर्ष की हो। वैण्डिग लाईसेन्स जारी करने के लिये नगर निकाय की टीम फेरी व्यवसायी के कार्यस्थल / वैण्डिग जोन पर जायेगी और उनके कार्यस्थल पर ही वैण्डिग लाईसेन्स जारी करेगी।

• फेरी व्यवसायियों को निकायों में न बुलाकर लाईसेन्स / ऋण की Door Step Delivery निकाय द्वारा की जाये।

योजना के अंतर्गत प्रपत्रों की आवश्यकता को कम करते हुए सरलता से लागू किया जाये। ऋण प्राप्त करने हेतु विभिन्न प्रपत्रों की छायाप्रति लगती है, के स्थान पर यदि ऐप बेस सिस्टम तैयार किया जाये तो वेन्डर अपने मोबाईल के माध्यम से प्रपत्रों की फोटो लेकर ऐप पर अपलोड कर सकते हैं. जिससे प्रक्रिया सरल तथा शीघ्र हो पायेगी ताकि बैंक एवं वेन्डर का समय बच सके।

फेरी व्यवसायी प्रायः छोटे व्यवसायी होते हैं, जिन्हें ऋण लेने हेतु बैंकों के बार-बार चक्कर लगाने से उनका कारोबार प्रभावित होता है। अतः फेरी व्यवसायियों को ऋण उनके पास में स्थित बैंक की शाखा में लेजाकर नगर निकाय की टीम उनका आवेदन पत्र पोर्टल पर अपलोड कर दे और बैंक मैनेजर द्वारा स्थल पर ही लाभार्थी को ऋण स्वीकृत कर दिया जाये, साथ ही अनावश्यक अभिलेख जो बैंको द्वारा मांगे जाते है उन्हें हटा दिया जाये।

पी०एम०स्वनिधि के ऋण स्वीकृति हेतु एस०एल०बी०सी० द्वारा निर्धारित प्रत्येक शुक्रवार को सायं 03:00 से 06:00 बजे तक फेरी व्यवसायियों को उनकी नजदीकी बैंक की शाखा में लेजाकर ऋण स्वीकृत कराये। निकाय शाखावार बैंक को प्रेषित और उसके सापेक्ष बैंको द्वारा स्वीकृत एवं वितरित ऋणों का निरन्तर अनुश्रवण करे।

पी०एम०स्वनिधि के पोर्टल पर पूर्ण विवरण एवं Login facility बैंक के स्तर पर भी उपलब्ध होता कि बैंको द्वारा सीधे फेरी व्यवसायियों को ऋण स्वीकृत किया जा सके। बैंको द्वारा ऋण स्वीकृति हेतु अति आवश्यक कागजात ही फेरी व्यवसायियों से मांगे जाए ।

• पी०एम०स्वनिधि स्कीम Credit Guarantee Fund Trust For Micro & Small Enterprises (CGTMSE) के अंतर्गत आच्छादित होने के कारण ऋण की गारन्टी भारत सरकार द्वारा ली गयी है। अतः बैंकों को ऋण सुरक्षित होने के कारण ऋण प्रदान करने में कोई आनाकानी नहीं करनी चाहिए। पी०एम०स्वनिधि का ऋण छोटी धनराशि का होने के कारण बैंको की ऋण स्वीकृति प्रदान करने की प्राथमिकता नहीं होती है, बैंक के भी लक्ष्य निर्धारित किये

जाये। ● क्योंकि इस प्रकार के लोन लेकर Re-Payment करने में Cibil Score बनता है, इससे भविष्य में बड़ी राशि के भी लोन लेने में आसानी रहती है। इसका IEC बैंक के Financial Literacy Campaign में भी किया जाये।

• बैंकों द्वारा फेरी व्यवसायियों के ऋण भुगतान खाते को Automatic Repayment Mode में रखा जाये ताकि व्यवसायी के खाते से ऋण की किस्त का भुगतान हो सके। 90 दिन से अधिक अवधि पर ऋण किस्त का भुगतान ना किये जाने पर लाभार्थी का सिविल स्कोर खराब होने पर बैंक द्वारा द्वितीय चरण का लोन स्वीकृत होने में कठिनाई आती है।

आमतौर पर फल-सब्जी, चना-मूंगफली इत्यादि प्रकार के फेरी व्यवसायी ऋण लेकर कार्य करते हैं जिसमें अधिक Interest rate भी चुकाना पड़ता है एवं Debt trap में भी फंसे होते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड की भांति यदि पी0एम0 स्वनिधि के अंतर्गत फेरी व्यवसायियों को भी स्ट्रीट वेन्डर क्रेडिट कार्ड जारी किया जा सके, जिससे वह बिना रोक-टोक के अपनी आवश्यकतानुसार ऋण प्राप्त कर सके एवं चुका सके तो फेरी व्यवयायियों को अधिक लाभ मिलेगा।

2 अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उपरोक्तानुसार निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये कृत कार्यवाही / प्रगति आख्या शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

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Author: Pawan Rawat
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