देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को प्राथमिकता से लिया और सिर्फ साढ़े तीन सालों में सूबे के 595 गांवों तक सड़क पंहुच गई। सड़क सुविधा से वंचित होने के कारण जिन ग्रामीणों के आगे पैदल चलने की विवशता थी उनके कष्टों का हरण हो गया। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत अपनी काबिलियत के बूते सीएम त्रिवेंद्र ने महज साढ़े तीन सालों में वह कर दिखाया जो गुजरे सत्रह सालों संभव नहीं हो सका। निश्चित रूप से यह त्रिवेंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
यातायात की सुविधा किसी भी क्षेत्र के विकास का पहला पायदान होता है। प्रगति और खुशहाली के रास्ते यहीं से निकलते हैे। केंद्र की प्रधानमंत्री सड़क योजना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के मात्र साढ़े तीन साल में वह कर दिखाया जो बीते सत्रह सालों में संभव नहीं हो सकता। आंकड़ों के मुताबिक राज्य गठन के बाद से वर्ष 2016- 2017 तक यानी तकरीबन 17 सालों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1314 कार्य स्वीकृत हुए। लेकिन जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की सत्ता संभाली तो उन्होंने केंद्र की इस बेहद अहम योजना का लाभ गांवों तक पहुंचाने के लिए खासे प्रयास किए।
केंद्र से सड़कों की स्वीकृति के साथ ही टेंडरिंग, डीपीआर जैसे मसलों पर भी तेजी से प्रयास किए गए। और अपने कार्यकाल के महज साढ़े तीन सालों में 1188 कार्यों को पीएमजीवाई के तहत स्वीकृति दिलाई। सीएम त्रिवेंद्र की रचनात्मक सोच और सक्रियता का नजीता रहा कि उनके कार्यकाल में सिर्फ पीएमजीवाई में 6299 किमी सड़कों का निर्माण किया गया। जिससे 595 गांवों का सड़क का सपना पूरा हुआ। जिन लोगों की कृषि भूमि इस योजना में अधिग्रहण हुई उन्हें अच्छा भुगतान भी यथा समय किया गया। सालों से सड़क सुविधा की मांग कर रहे गांवों में मोटर गाड़ी का सपना पूरा हुआ तो इसका श्रेय सीएम त्रिवेंद्र को ही जाता है।