उत्तराखंड

त्रिवेंद्र सरकार ने केंद्र सरकार की वोकल फार लोकल नीति की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाए

प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की वोकल फार लोकल नीति की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा दिए हैं। अब राज्य के स्वयं सहायता समूहों के पांच श्रेणी के उत्पादों की सरकारी विभागों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, उपक्रमों और निगमों में खरीद का रास्ता खोल दिया गया है। इनमें हस्तशिल्प, हथकरघा वस्त्र, किराना और पेंट्री, कार्यालय सामान और व्यक्तिगत देखभाल और स्वच्छता उत्पाद शामिल हैं। इसके साथ ही देश की सीमा से सटे चीन समेत अन्य देशों
प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की खरीद निविदा के माध्यम से होगी। सरकार ने इस संबंध में उत्तराखंड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) (संशोधन) नियमावली-2021 की अधिसूचना जारी कर दी है। वित्त सचिव सौजन्या की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक गुणवत्ता से समझौता किए बगैर विभागीय क्रियाकलापों में इस्तेमाल होने वाली पांच लाख रुपये तक सामग्री राज्य के पंजीकृत और विधिवत गठित स्वयं सहायता समूहों से एक बार में खरीदी जा सकेगी। शर्त ये है कि ये सामाना स्वयं सहायता समूह के उत्पाद होने चाहिए। उक्त संशोधित नियमावली को मंजूरी से पहले ग्राम्य विकास विभाग के अधीन पंजीकृत एवं विधिवत गठित स्वयं सहायता समूह को निविदा की पात्रता सूची में शामिल किया जाएगा। अधिसूचना के मुताबिक जिन कार्योंं या सेवाओं की अनुमानित लागत 20 लाख तक होगी, उनके संबंध में औपचारिक या अनौपचारिक रूप से ऐसे संगठनों, विभागों अथवा चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज समेत समान कार्यकलापों में संलिप्त हों, सूचनाएं एकत्र कर सक्षम परामर्शियों की सूची बनाई जाएगी। संशोधित नियमावली में चीन समेत सीमा से सटे अन्य देशों से भी होने वाली खरीद को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों का पालन किया जाएगा। खासतौर पर चीन की कंपनियों पर टेंडर में भाग लेने पर रोक लगाई गई है। वित्त सचिव की ओर से जारी अन्य आदेश में स्वयं सहायता समूहों से सामान खरीद को लेकर 11 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की गई है।
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हर जिले में कमेटी गठित होगी। यह कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि खरीदी जाने वाली सामग्री स्वयं सहायता समूहों ने स्वयं बनाई है या नहीं। मुख्य विकास अधिकारी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की सूची तैयार करेंगे। इसे लगातार अपडेट किया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में संबंधित विभागों से प्रमाणपत्र लिया जाएगा। एक स्वयं सहायता समूह दूसरे स्वयं सहायता समूह का सामाना खरीद का खुद नहीं बेच सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी को ऐसे स्थानीय उत्पादों को जीईएम पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

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Author: Pawan Rawat
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