गैरसैंण वालों जागते रहो, राजा तभी जागेगा। वाह #त्रिवेन्द्र जी क्या कही। बस तीन रावतों की जिम्मेदारी थी। एक मैं, जिसके समय में विधानसभा भवन आदि सब बने। दूसरा आपने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही। तीसरे एक व्यक्ति हैं जिन्होंने रावत हटा दिया है अपने से और उन्होंने भराड़ीसैंण के चयन में भूमिका अदा की थी। वह तो भाग गए होंगे!
लेकिन आप पर, मुझ पर यह जिम्मेदारी है कि हम धदियाते रहें तभी देहरादून में बैठे हुए धामी लोग गैरसैंण की सुध लेंगे। इस बार जब बर्फ पड़ेगी तो 1 घंटे का उपवास भराड़ीसैंण में रखूंगा। अपने मोड़े के पास में एक मोड़ा मैं, आपके लिए भी लगाकर के रखूंगा। हिम्मत करो।