सीमांत जिले पिथौरागढ़ में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कहीं घरों के ताले टूट रहे हैं तो कहीं मंदिरों में चोर हाथ साफ कर रहे हैं। बीते दिनों शहर के नजदीक तीन घरों के ताले तोड़ने की घटना सामने आई थी। अब नगर के बीचोबीच एक स्कूल में चोरों ने हाथ साफ किया है तो एक अन्य स्कूल में खिड़की तोड़कर चोरी का प्रयास किया गया।
चौर स्कूल से सिलेंडर, बर्तन सहित कई अन्य सामान चुरा ले गए। आए दिन चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। बावजूद इसके पुलिस जांच से आगे नहीं बढ़ पा रही है, जिससे चोरों के हौसले बुलंद हैं और लोगों में दहशत। जिला मुख्यालय स्थित कोतवाली से तीन किमी दूर बजेटी प्राथमिक स्कूल में ताले तोड़कर चोरी की घटना सामने आई है। चोरों ने स्कूल का ताला तोड़कर उसमें रखा सिलेंडर, भोजन पकाने के बर्तनों के साथ ही बच्चों के खाने वाली थालियां सहित अन्य सामग्री चुरा ली। दूसरे दिन स्कूल पहुंचने पर शिक्षकों को चोरी का पता चला। शिक्षिका रेनू पंत ने कहा चोरों ने कक्षों के ताले तोड़ डाले और चोरी के साथ वहां जमकर तोड़फोड़ की है।
वहीं इस स्कूल से महज 500 मीटर दूर बालिका हाईस्कूल बजेटी में भी चोरों ने चोरी का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। चोरों ने कक्षों की खिड़कियों के शीशे तोड़कर उनमें प्रवेश की कोशिश की लेकिन चोरी नहीं कर सके। इस स्कूल में खिड़कियों के कई शीशे तोड़ डाले हैं।दोनों स्कूलों के शिक्षकों ने कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी और चोरों का पता लगाने की मांग की। आए दिन नगर के बीचोबीच सामने आ रही चोरी की घटनाओं से लोगों में दहशत है। लेकिन अधिकतर मामलों में अब तक पुलिस के हाथ चोरों तक नहीं पहुंच सके हैं। पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
बजेटी बालिका हाईस्कूल अराजकता का अड्डा बना हुआ है। स्कूल के लैब तकनीशियन महेंद्र रावत ने कहा स्कूल बंद होने के बाद यहां अराजक तत्व अपना अड्डा जमा लेते हैं। स्कूल में मांस, शराब की पार्टी चलती है। यहां तक कि अराजक तत्व स्कूल परिसर में ही मांस भात पकाते हैं और लकड़ी के लिए स्कूल की खिड़की व दरवाजे तोड़ दिए जाते हैं। कई बार मामले की शिकायत पुलिस से की। बावजूद इसके यहां अराजकता नहीं रुकी है।
प्राथमिक स्कूल बजेटी में 8 माह पूर्व भी चोरी की घटना सामने आई थी। तब चोरों ने स्कूल के ताले तोड़कर सिलेंडर सहित अन्य सामान चुरा लिया था, जिसकी तहरीर शिक्षकों ने पुलिस को दी। लंबा समय बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं और चोर बेखौफ घूम रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब पुलिस चोरों का पता ही नहीं लगा सकती तो उसे तहरीर लेनी ही नहीं चाहिए। कहा पुलिस की इसी लचर कार्यशैली के चलते चोरों के हौसले बुलंद हैं और वे आए दिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।सीमांत के माइग्रेशन गांव मर्तोली में 15 से अधिक घरों के ताले टूटने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों को घटना का पता तब चला जब छह माह बाद वे गांव पहुंचे। वहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए। अराजक तत्वों ने घरों में घुसकर राशन, कपड़े व अन्य सामान पूरी तरह बर्बाद किया है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ गई है।
मर्तोली गांव मुनस्यारी का माइग्रेशन गांव है। तहसील मुख्यालय से 58 किमी दूर इस गांव के 50 से अधिक परिवार हर साल जाड़ों में माइग्रेशन पर निचले इलाकों में लौटते हैं और अप्रैल माह में फिर से खेती के लिए अपने पैतृक गांव जाते हैं। दो दिन पूर्व जब ग्रामीण अपने पैतृक गांव मर्तोली पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। यहां 15 से अधिक घरों के ताले टूटे मिले और घरों के भीतर रखा राशन, कपड़े व अन्य सामान या तो गायब था या उसे बर्बाद कर दिया गया। अराजक तत्वों ने इन घरों में घुसकर जमकर उत्पात मचाया है। ग्रामीणों ने घटना की सूचना किसी तरह प्रशासन तक पहुंचाई।