25 साल पहले देवगौड़ा सरकार में राज्य मंत्री रहे अध्यात्मिक नेता सतपाल महाराज जी ने ऋषीकेश कर्णप्रयाग रेलवे की माँग अपनी सरकार के सामने रखी थी जिसपर अन्य दलों ने हँसी उड़ाई थी। लेकिन सतपाल महाराज ने कभी हार नही मानी और अपना प्रयास जारी रखा। उत्तराखंड बनने के बाद भी उन्होंने इस योजना को अपनी प्रतिष्ठा मानकर कांग्रेस सरकार में रहते भी प्रमुखता से पैरवी करते रहे। लेकिन सफलता हाथ नही लग पाई। और उनके हास् परिहास उड़ाने वालो ने कोई कसर नही छोड़ी थी। आये दिन इस योजना का मजाक उड़ाते फिरते थे। और कार्टून के माध्यम से भी व्यंग्य उड़ाते नही फिरते थे।
यही विपक्षी नेता उनका परिहास उड़ाते थे। 2009 में गढ़वाल सांसद बनने के बाद सतपाल महाराज लगातार ऋषिकेश करणप्रयाग रेल लाइन परियोजना के लिए संघर्ष करते रहे जिसके चलते 2011 में गोचर में तत्कालीन रेल मंत्री द्वारा महाराज जी की अध्यक्षता में रेल परियोजना का शिलान्यास किया गया जो एक बड़ी सफलता थी
जिसके चलते आज उत्तराखंड वो जादुई छड़ी हासिल कर चुकी है। जिससे उत्तराखंड को एक साथ कई फायदे मिलने वाले है। इस परियोजना से जहाँ चारधाम यात्रा सुगम होने जा रही है। वही पर्यटन को चार चांद लगने में देरी नही है।
रही बात रोजगार की लाखों लोगो को रोजगार के साथ साथ अपने पहाड़ के उत्पाद देश भर में पहुंचाने में सरलता मिलेगी।
ओर गैरसैंण की कर्णप्रयाग से दूरी कम होने से भी यह हमारे लिये बहुत उपयोगी अत्यन्त लाभकारी है। आम लोग रोज राजधानी
जाकर अपने कार्य करवाकर वापिस ऋषीकेश आ जा सकेंगे। यह सब सम्भव हो पाया है ।
