उत्तराखंड

अब उत्तराखंड में भी लाउडस्पीकर पर लगेगा जुर्माना, लेनी जिला प्रशासन से अनुमति होगी

हरिद्वार:-मंदिर हो या मस्जिद हो या गुरुद्वारा हो या कोई और स्थान हो अगर आपको लाउडस्पीकर लगाना है और बजाना है तो अब आपको उसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी और अगर आपने द्वारा बिना अनुमति के लाउड स्पीकर बजाया तो आप पर जुर्माना लग सकता है और अगर आपने बार-बार इस कार्य को दोहराया गया तो आप के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हो सकती है, जुर्माना 5000 से 25000 तक लग सकता है इस संबंध में उच्च न्यायालय और सरकार द्वारा जो निर्देश जिला प्रशासन को मिले हैं उसके अनुपालन के लिए हरिद्वार के उप जिलाधिकारी पूरण सिंह रावत ने सभी मजिस्ट्रेट, प्रोबेशन अधिकारी, नगर निगम, एसएचओ आदि को निर्देशित कर दिया गया है।

उप जिलाधकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि उच्च न्यायालय और सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसमें यह अनिवार्य कर दिया गया है कि जो भी हमारा धार्मिक स्थल है मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा है उसमें जो भी लाउड स्पीकर यूज करते हैं उसके लिए पहली कंडीशन यह रहेगी कि बिना अनुमति के यूज नहीं करेंगे और अंडरटेकिंग देंगे कि जो डायरेक्शन है उसका पालन किया जाएगा, साथ ही यह भी अनिवार्य कर दिया गया है कि जो साउंड लेवल सिस्टम है जिसमें यह नॉलेज रहेगी कितना यूज किया गया है या किया जा रहा है जिससे उसको नॉलेज रहेगी कितना उसके द्वारा यूज किया जा रहा है, इस इंस्ट्रूमेंट को भी अपने पास रखना होगा।

उन्होंने बताया कि उसके अलावा और रात्रि 10 से 6 तक लाउड स्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा और इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी केवल 15 दिन जैसे नवरात्रि या अन्य त्योहार होते हैं जो धर्म से जुड़ा हुआ है ऐसे में स्पेशल कंडीशन में अनुमति दी जा सकती है, अभी क्षेत्र डिफाइन किया गया है कि और जो क्षेत्र है और इनको अन्य चार क्षेत्रों में इनको बांटा गया है उसमें अलग-अलग लेवल तय है कि कितना डेसिबल तक आप यूज करेंगे और अगर कोई व्यक्ति इसका वॉइलेशन करता है तो उसको प्रॉपर्ली यूज़ नहीं करता है तो नगर निगम, मजिस्ट्रेट, पुलिस ऑफिसर को पेनल्टी लगाने का अधिकार दिया गया है और कोई बार-बार उसको रिपीट करता है तो उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की जा सकती है ,पहली इनिशियल स्टेज पर अगर क्षेत्र कमर्शियल है तो उसमें अलग प्रावधान है उसे 5 हजार से 15 हजार , 20 हजार और 25 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और जो आवासीय है ,जो आबादी वाला क्षेत्र है में अलग-अलग प्रावधान है, जो चीजें दी गई हैं वह सब एक्ट के अनुसार हैं और प्रॉपर्ली उनको फॉलो करवाया।

 

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Author: Pawan Rawat
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