Uttarakhand Board News: अब उत्तराखंड बोर्ड सीबीएसई के पैटर्न पर करेगा परीक्षा का मूल्यांकन। अब उत्तराखंड बोर्ड सीबीएसई की तर्ज पर मूल्यांकन करेगा। जैसे सीबीएसई आंतरिक व्यावहारिक और सैद्धांतिक परीक्षा के आधार पर छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन करता है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कुछ विषयों की परीक्षा 80 अंकों व आंतरिक परीक्षा 20 अंकों की होती है। कुछ विषयों में व्यावहारिक कक्षाएं भी शामिल हैं।प्रदेश कैबिनेट ने उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की पद्धति पर करने का फैसला लिया है। इस फैसले से उत्तराखंड बोर्ड के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा।
सीबीएसई की तुलना में उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 15 प्रतिशत अधिक बच्चे असफल हो जाते हैं। परीक्षा पैटर्न में बदलाव से परीक्षार्थी ज्यादा अंक भी ला सकेंगे। मामूली अंकों से पिछड़ जाने वाले औसत परीक्षार्थियों के लिए भी आंतरिक मूल्यांकन फायदेमंद साबित होगा।
सीबीएसई आंतरिक, व्यावहारिक और सैद्धांतिक परीक्षा के आधार पर छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन करता है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कुछ विषयों की परीक्षा 80 अंकों व आंतरिक परीक्षा 20 अंकों की होती है। कुछ विषयों में व्यावहारिक कक्षाएं भी शामिल रहती हैं। ऐसे विषयों सैद्धांतिक परीक्षा 70 अंक व प्रायोगिक परीक्षा 30 अंकों की रहती है। सीबीएसई 10वीं में 92 प्रतिशत व 12वीं में 83 प्रतिशत रिजल्ट रहता है, जबकि उत्तराखंड बोर्ड में क्रमश: 80 व 77 प्रतिशत बच्चे पास होते हैं।
शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य पीएस अधिकारी बताते हैं कि सीबीएसई में कक्षा नौवीं से 12वीं तक छह-छह माह के अंतराल में सेशन आधारित आंतरिक मूल्यांकन होता है। जिसमें बच्चों की कमियों को देखकर उसमें सुधार के प्रयास होते हैं। हाईस्कूल में बच्चे को आंतरिक व बोर्ड परीक्षा मिलाकर उत्तीर्ण लायक नंबर लाते होते हैं, जबकि 12वीं में आंतरिक व बोर्ड परीक्षा दोनों में अलग-अलग पास होना जरूरी है।
