उत्तराखंड

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा पर्यटन क्षेत्र में स्थापित हो रहे हैं नित नये आयाम

देहरादून। प्रदेशवासियों को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस और दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश के पर्यटन सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपनों को साकार करते हुए आज राज्य विकास के नित नए आयाम प्राप्त कर रहा है।
पर्यटन सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार नए-नए पर्यटन डेस्टिनेशन विकसित करने में लगी है। प्रदेश का पर्यटन विभाग ऐडवेंचर टूरिज़्म के साथ साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महाभारत सर्किट, रामायण सर्किट और दैवीय सर्किट को विकसित करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोविड-19 के बाद उत्तराखंड आए प्रवासियों के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के अंतर्गत निजी व्यवसाय करने वालों के लिए पर्यटन विभाग ने आसान ऋण का प्रावधान किया। उन्होंने बताया कि विश्व के सबसे लंबे 5 रोपवे में से एक देहरादून से मसूरी जिसकी लागत 300 करोड़ है पीपी मोड में विकसित किया जा रहा है। मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का जीर्रणोद्वार कर उसे हेरिटेज पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्री महाराज ने बताया कि टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रयास लगातार चल रहा है। राज्य के सभी जनपदों में थीम बेस्ड नए गंतव्य स्थल विकसित किए जा रहा हैं। टिहरी में वाटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन थीम विकसित किए जाने हेतु कंसलटेड भी है नियुक्त कर दिया गया है।  सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में पलायन रोकने के उद्देश्य से “पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना” प्रारंभ की गई। इसके तहत प्रदेश के निवासियों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया इसके अंतर्गत 2353 होमस्टे अभी तक पंजीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रदेश में होटल इंडस्ट्री के सम्मुख बड़ा संकट है। सरकार होटल उद्योग से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर को पूरा सहयोग देने को प्रतिबद्ध है।  उत्तराखंड में जड़ी बूटियों और मसालों का भंडार है जो अपने चिकित्सीय गुणों के लिए भी माना जाता है। ऋषि-मुनि और आयुर्वेद के जानकार सदियों से इसका उपयोग करते आ रहे हैं। अपने कुमांऊनी और गढ़वाली व्यंजनों की समृद्ध विरासत के साथ हम “हिमालयन इम्यूनिटी क्वीजी़न” के नाम से प्रदेश को “खानपान पर्यटन केंद्र” के रूप में भी विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हमारा पारंपरिक भोजन जैसे “मंडुए की रोटी”,  लिंगुड़े की सब्जी जो कि प्रोटीन व अन्य जरूरी पुष्टि कारक तत्वों से भरपूर होते हैं उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सौंग, जमरानी सहित अनेक बहुआयामी योजनाओं पर काम चल रहा है। सिंचाई मंत्री ने कहा है कि कुछ नयी झीलों को विकसित करने का प्रयास भी साकार होने लगा है। प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कलाकारों के मानदेय और यात्रा भत्तों में दोगुनी वृद्धि की गई है।
महाराज ने प्रदेश वासियों से आग्रह किया कि वह कोरोना संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क और सैनेटाईजर का प्रयोग कर इस महामारी से लड़ने में सरकार का सहयोग करें।

The True Fact

Author Message

अगर आपको हमारी ख़बरे अच्छी लगती हैं तो किर्पया हमारी खबरों को जरूर शेयर करें, यदि आप अपना कोई लेख या कोई कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप या हमें ई मेल सन्देश भेजकर साझा कर सकते हैं. धन्यवाद

E-Mail: thetruefact20@gmail.com

 

AUTHOR

Author: Pawan Rawat
Website: www.thetruefact.com
Email: thetruefact20@gmail.com
Phone: +91 98970 24402

To Top