देहरादून। प्रदेश के धर्मस्व, संस्कृति, पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में आरोपित सभी दोषियों को ससम्मान बरी किए जाने के अभूतपूर्व फैसले का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।
प्रदेश के धर्मस्व, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादास्पद ढांचे के विध्वंस मामले में आरोपित सभी दोषियों को बरी किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कोर्ट के फैसले से सिद्ध हो गया है कि जीत आखिरकार सत्य की ही होती है।
अदालत के फैसले से यह भी साफ हो गया है कि श्रीराम मंदिर आंदोलन लोकतांत्रिक ढंग से किया गया एक जनांदोलन था। श्री महाराज ने कहा कि विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, नृत्य गोपाल दास सहित सभी 32 राम कारसेवकों को पिछले 28 वर्षों से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है। यहाँ तक कि कई रामभक्त बरी होने से पहले स्वर्गवासी तक हो गए।
धर्मस्व मंत्री ने कहा कि देर से ही सही अदालत के इस फैसले से निश्चित ही सत्य की जीत हुई है। उन्होने कहा एक बार फिर यह सिद्ध हो गया है सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं।