Kedarnath Yatra 2022: केदारनाथ मंदिर में VIP गेट से प्रवेश पर लगी रोक, हेली सेवा से आने वालों को भी नहीं मिलेगी खास सुविधा। Chardham Yatra 2022 प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर केदारनाथ मंदिर का वीआइपी प्रवेश द्वार बंद किया है। अब हेली सेवा से आने वाले श्रद्धालु भी सामान्य लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे। लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को हर हाल में दो घंटे के भीतर दर्शन कराने होंगे।
CM पुष्कर सिंह धामी ने हिंदुओं के विश्व प्रसिद्ध धामों बद्रीनाथ-केदारनाथ-गंगोत्री-यमुनोत्री में VVIP दर्शन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि बड़े से बड़ा शख्स भी होगा तो उनको अब आम श्रद्धालु बन के ही दर्शन करने होंगे। चार धाम दर्शन और यात्रा को ले के इस साल अभूतपूर्व सैलाब श्रद्धालुओं का जिस तरह उमड़ रहा, उसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने एहतियातन ये आदेश जारी किए।
केंद्र और राज्य के मंत्रियों-बड़े नौकरशाहों-बड़े उद्यमियों-कारोबारियों और अन्य विशिष्ट दर्शनार्थियों के लिए धामों में दर्शन की विशेष व्यवस्था की जाती रही है। उनको न लाइन में लगना पड़ता है न ही पूजा और अर्चना के लिए देर तक इंतजार करना पड़ता है। कई बड़े श्रद्धालुओं के साथ तो सरकार के आला अफसर भी ड्यूटी पर रहते हैं। इसके चलते वे अपना अन्य सरकारी और लोगों से जुड़े जनहित के कार्यों को नहीं कर पाते हैं।
पुष्कर ने अफसरों से कहा कि वे VVIPs और VIPs के पीछे न लगें और उनकी व्यवस्था में लग के आम श्रद्धालुओं की दिक्कतों पर से ध्यान न हटाएँ। देश और दुनिया के अनेक हिस्सों से आ रहे लाखों श्रद्धालु अपने साथ उत्तराखंड और चार धाम यात्रा से जुड़ी अच्छी याद ले के लौटें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस बाबत किसी भी किस्म की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केदारनाथ मंदिर में वीआइपी द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब हेली सेवा से पहुंचने वाले श्रद्धालु भी लाइन में लगकर ही बाबा के दर्शन करेंगे। इसके लिए वीआइपी द्वार पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
अब तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु वीआइपी द्वार से मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, इससे दर्शनों के दौरान धक्का-मुक्की तक की नौबत आ जा रही थी। वहीं, लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को हर हाल में दो घंटे के भीतर दर्शन कराने होंगे। मंदिर परिसर में यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए भी बैरिकेडिंग लगाई गई है।
बताया कि मंदिर परिसर में व्यवस्थाएं बनाने और श्रद्धालुओं की मदद के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), पुलिस व प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवान, सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं। इसके अलावा ठंड से बचाव के लिए एक हजार से अधिक कंबल केदारनाथ भेजे गए हैं। यह उन श्रद्धालुओं को दिए जा रहे हैं, जो बिना गर्म कपड़ों के दर्शनों को पहुंच रहे हैं।
