COVID-19 Fourth Wave: देश में एक बार फिर कोविड -19 के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिस कारण लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. कुछ महीने पहले IIT कानपुर ने स्टडी की थी, जिसमें चौथी लहर आने के समय के बारे में बताया था. लेकिन उनकी यह रिसर्च कितनी सटीक साबित होगी, यह तो आने वाला समय ही बता सकता है.
नए वैरिएंट पर WHO ने कही ये बात: COVID-19 Fourth Wave: देश में एक बार फिर कोविड -19 के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. पिछले लगभग 2 सालों से लगातार COVID-19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं. कुछ समय पहले भारत में कोरोना का नया वैरिएंट XE भी 2 राज्यों (गुजरात और महाराष्ट्र) में दस्तक दे चुका है. हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे (शुक्रवार) में 949 नए कोरोनावायरस संक्रमण के केस सामने आए. इसके साथ ही इंडिया में कुल एक्टिव केसों की संख्या 11,191 हो गई है. केस लगातार बढ़ने के बाद कई एक्सपर्ट चौथी लहर की आशंका भी जता रहे हैं. चौथी लहर को लेकर IIT कानपुर ने एक स्टडी की थी, जिसमें बताया गया था कि चौथी लहर कब आ सकती है.
क्या कहा था IIT कानपुर ने: IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने कुछ समय पहले एक रिसर्च की थी. उनकी रिसर्च के मुताबिक, भारत में COVID-19 महामारी की संभावित चौथी लहर 22 जून 2022 के आसपास शुरू हो सकती है. इस लहर का पीक अगस्त के आखिरी पर चरम पर हो सकता है. प्रीप्रिंट रिपोजिटरी MedRxiv पर शेयर किए गए रिव्यू के मुताबिक, चौथी लहर का पता लगाने के लिए सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया गया था, जिसमें पाया गया कि संभावित नई लहर 4 महीने तक चलेगी.
नए वैरिएंट पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट: हिंदुजा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार में क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. भारेश डेढिया के मुताबिक, XE हाइब्रिड स्ट्रेन का मेडिकली रूप से कोई भी इस वैरिएंट के बीच अंतर नहीं कर सकता. ऐसा लगता है कि नया सब-वैरिएंट XE, ओमिक्रॉन के सभी लक्षणों के ही समान है. यह आमतौर पर हल्का है और बहुत गंभीर भी नहीं है. यह ध्यान रखना चाहिए कि XE वैरिएंट लगभग 3 महीने से मौजूद है और अभी तक ओमिक्रॉन की तरह पूरी दुनिया में नहीं फैला है. इसलिए कहा जा सकता है कि यह कोई अलग वैरिएंट नहीं है, बल्कि ओमिक्रॉन के ही समान है.
