हरिद्वार बाईपास चौड़ीकरण का ठेका लेने के लिए दिल्ली के एक ठेकेदार ने 77 लाख रुपये की फर्जी बैंक गारंटी लोक निर्माण विभाग में जमा कर दी. ठेका उसी के नाम पर हो भी गया. इसके बाद जब गारंटी पत्र का सत्यापन कराया गया तो पहली बार में वह सही पाई गई लेकिन, दूसरी बार सत्यापन में बैंक ने इसे फर्जी बता दिया. इस आधार पर ठेकेदार के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
लोक निर्माण विभाग की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल ने कैंट थाने को तहरीर दी है. उन्होंने पुलिस को बताया कि हरिद्वार बाईपास (आईएसबीटी से रेलवे क्रॉसिंग) तक का चौड़ीकरण होना था. इसके लिए मार्च 2021 में टेंडर जारी किया था. इसमें राकेश कुमार निवासी एलआईजी फ्लैट, सत्यम एन्क्लेव, दिल्ली ने भी भाग लिया. कम बोली के आधार पर टेंडर उनके नाम कर दिया गया था. इसके लिए उन्हें 77.70 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी थी.
इसके बाद उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया दारूखाना, मुंबई की बैंक गारंटी जमा कराई. इस गारंटी के आधार पर राकेश कुमार के नाम से काम का अनुबंध पत्र तैयार कर लिया गया. सड़क पर काम भी शुरू हो गया. लेकिन, इस बीच 13 अगस्त 2021 को सत्यापन के लिए बैंक को ई-मेल किया गया तो शुरूआत में तो बैंक की ओर से जवाब आया कि सात अगस्त 2021 को यह गारंटी जारी की गई लेकिन, अधिकारियों को संदेह हो रहा था.
इस पर नवंबर में फिर से बैंक को ई-मेल किया गया तो पता चला कि यह बैंक गारंटी उनकी शाखा ने कभी जारी ही नहीं की है. इसके बाद इस ठेके को निरस्त कर दिया गया. एसएचओ कैंट शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि आरोपी राकेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.