फेसबुक में ओम गोपाल ने लिखा है. निर्दलीय हुंकार भर रहा हूँ साथियों और ये लड़ाई मेरी नहीं बल्कि आपकी होगी. मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है. साथियों सिर्फ सहयोग के और उसके बदले साथियों मैने आपसे सिर्फ आपके स्नेह की उम्मीद की है. आज वो वक्त आ गया है. जब मै जानना चाहता हूँ, कि कौन मेरे साथ खड़ा है, और कौन नहीं
