उत्तराखंड

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , गैरसैंण पर लगातार बढ़ रहे आगे

देहरादूनः राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास को लेकर राज्य के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो विकास का रोडमैप दर्शाया है, उस पर राज्य सरकार तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है। गैरसैंण में आधारभूत ढांचे के विस्तार से लेकर यहां तमाम सुविधाएं जुटाने पर सरकार का पूरा फोकस है। गैरसैंण में अब आईआरबी की तीसरी यूनिट खोलने की घोषणा करके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि गैरसैंण के विकास में वह कोई कमी नहीं छोड़ने वाले। यही नहीं, विधानसभा का बजट सत्र भी एक से नौ मार्च तक गैरसैंण में आहूत किया गया है।
पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो, इसे लेकर बीते दो दशकों में केवल कोरी बातें होती रही। किसी ने भी इसे लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए। बहरहाल, 4 मार्च 2020 को वह दिन आया जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंडियत की भावना का सम्मान करते हुए गैरसैंण भराड़ीसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। हालांकि, सवाल उठाने वाले इतने से भी कहां मानने वाले थे। कोई इसे पाॅलीटिक्ल माइलेज के लिए उठाया गया कदम करार देने लगा तो किसी ने कहा कि गैरसैंण भराड़ीसैंण को केवल नेताओं-अफसरों की मौज-मस्ती के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है।
अलबत्ता, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन सब बातों से डिगे नहीं। उन्होंने जिस सच्ची सोच के साथ गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, उस पर वह लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। गैरसैंण पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न केवल गैरसैंण में लगातार विधानसभा सत्रों का आयोजन किया जा रहा है बल्कि खुद मुख्यमंत्री यहां पर अपने नाम से जमीन खरीद चुके हैं। 15 अगस्त को पहली बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां तिरंगा फहराया तो 9 नवंबर 2020 यानि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने गैरसैंण के चरणबद्ध विकास को लेकर आगामी वर्षों में 25 हजार करोड़ से विकास कार्य किए जाने की घोषणा की। यही नहीं चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय समेत गैरसैंण क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए देहरादून की सूर्यधार झील की तर्ज पर झील निर्माण का भी वह ऐलान कर चुके हैं। वहीं, अब मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में आईआरबी की तीसरी यूनिट स्थापित करने की भी बड़ी घोषणा की है। यही नहीं, एक से नौ मार्च तक विधानसभा का बजट सत्र भी गैरसैंण भराड़ीसैंण में ही आहूत किया गया है। इस सबसे स्पष्ट है कि त्रिवेंद्र सरकार का पूरा फोकस गैरसैंण भराड़ीसैंण के विकास पर है जो केवल बातों तक नहीं बल्कि धरातल पर भी तेजी से उतरता नजर आ रहा है।

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