सर्वविदित है कि पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा बाधित रही। श्रद्धालु/ पर्यटक यात्रा पर नहीं आ सके। ईश्वर की अनुकंपा से इस वर्ष कोरोना का प्रभाव सीमित होने से उत्तराखंड स्थित चारधाम यात्रा को लेकर देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों में भारी उत्साह दिखाई पड़ रहा है। रिकार्ड संख्या में यात्री धामों में उमड़ रहे हैं।
श्रद्धालुओं व पर्यटकों की धामों के प्रति श्रद्धा व उत्साह को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा अपने स्तर से उनकी सुविधाओं को लेकर हर संभव प्रयास किए गए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उनके द्वारा अधिकारियों को यात्रियों व पर्यटकों के प्रति अतिथि देवो भव: की भावना के साथ कार्य में तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी सर्वविदित है कि उत्तराखंड स्थित चारधाम हिमालयी क्षेत्र में अवस्थित हैं। विकट भौगोलिक परिस्थिति के कारण इन धामों में कई व्यवस्थाएं खास कर आवास की सीमित सुविधा है। धामों की पारिस्थितिकी और जलवायु भी बेहद संवेदनशील है। पल-पल बदलता मौसम और हाड़ कंपकंपाती ठंड विचलित करने वाली होती है।
तीर्थ यात्री व पर्यटक इन विकट परिस्थितियों की परवाह किए बगैर भारी उत्साह में धामों में उमड़ रहे हैं। यात्रियाें की अत्यधिक संख्या धामों की वहनीय क्षमता से अधिक हो जा रही है। स्वाभाविक है कि ऐसी स्थिति में सरकार के स्तर से किए जा रहे सभी प्रयास कम पड़ जा रहे हैं और यात्रियों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर श्री केदारनाथ धाम में।
वर्ष 2013 की आपदा के बाद श्री केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। मोदी जी के विजन के अनुरूप केदार पुरी आज नया स्वरूप लेती जा रही है। नई केदार पुरी देश विदेश के लोगों में भारी आकर्षण का केंद्र बन गई है। लिहाजा, अनुमानों के विपरीत श्रद्धालु व पर्यटक केदार पुरी पहुंच रहे हैं।
ऐसी परिस्थितियों में उचित होगा कि यात्रियों/ पर्यटकों को धामों की यात्रा पर जाने से पूर्व वहां अपने आवास इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। ताकि उन्हें धामों में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। खास कर छोटे बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और किसी प्रकार की स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे यात्रियों को धामों की यात्रा पर निकलने से पहले सभी प्रकार की ऐहतियात बरतनी जरूरी है।