उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के पूर्व विधायकों ने अपना संगठन बनाकर एक सम्मेलन आयोजन किया पूर्व विधायकों ने उत्तराखंड में भर्ती गड़बड़ी मामले में सीबीआई जांच और संबंधित राजनेताओं नौकरशाहों पर कड़ी कार्रवाई।
कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली और प्रदेश में रोजगार पर स्थानीय युवाओं को 70% अवसर देने जैसे कई एजेंडों पर सम्मेलन में चर्चा की गई_ कई मुद्दों पर चर्चा के साथ सुझाव भी दिए गए लेकिन इस चर्चा में भाजपा के विधायकों को भर्ती मामले में सरकार की आलोचना रास नहीं आई और भाजपा के एक पूर्व विधायक ने सम्मेलन का बहिष्कार भी किया।
देहरादून स्थित विधानसभा में उत्तराखंड के पूर्व विधायक अपना एक संगठन बनाकर सम्मेलन किया। पूर्व विधायकों के इस सम्मेलन में करीब 25 विधायक शामिल हुए। उत्तराखंड के पूर्व विधायक 113 हैं सबको इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए कहा गया था। पूर्व विधायकों के एजेंडे में कई बातें हैं जिनको इस बैठक में चर्चा के लिए रखा गया। जिसमें भर्तियों की सीबीआई जांच, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, रोजगार में स्थानीय युवाओ को 70 प्रतिशत अवसर आदि बातें रखी गई।
पूर्व विधायकों के इस संगठन का अद्यक्ष लाखी राम जोशी को बनाया गया है। पूर्व विधायकों के इस सम्मेलन में कई पूर्व विधायक मौजूद रहे, जिसमें हरक सिंह रावत, शूरवीर सिंह सजवाण, हीरा सिंह बिष्ट और पूर्व सीएम हरीश रावत भी शामिल हुए पूर्व विधायकों का कहना है कि वो जनप्रतिनिधि के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और इस सम्मेलन से अपनी बात को सरकार तक रखना चाहते हैं। पूर्व विधायकों की इस पहल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शामिल हुए हरीश रावत ने कहा की अच्छी पहल है कि किस तरीके से पूर्व विधायक प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेंगे साथ ही अपनी कई मांगे भी रख सकेंगे।