उत्तरकाशी: पहाड़ों के बीच बसा जनपद और पहाड़ जैसा हौसले रखने वाले यहां के लोग अपने कार्य से जनपद और राज्य का नाम को ऊंचा करते हैं। हालही में उत्तरकाशी की भटवादी ब्लॉक के लौंथरु गांव की सविता कंसवाल ने 24 वर्ष की आयु में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट का सफल आरोहण किया था और अब भटवाड़ी ब्लॉक की केलसू घाटी के ढासडा गांव के प्रवीण राणा ने Mount Everest का सफल आरोहण कर जनपद उत्तरकाशी का नाम भी रोशन किया है।
प्रवीण राणा उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक की केलसू घाटी के ढासडा गांव के रहने वाले हैं। प्रवीण के पिता नागेंद्र सिंह राणा और मां बीना देवी है। प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा भी ट्रेकिंग का काम करते थे. उन्होंने नेहरू पर्वत रोहण संस्थान में इंस्ट्रेक्टर की नौकरी की और टाटा एडवेंचर में भी इंस्ट्रेक्टर का काम किया है। प्रवीण के पिता नागेंद्र राणा ने बताया कि प्रवीण बचपन से ही एडवेंचर का शौकीन थे अभी प्रवीण बैंगलोर में नॉकरी कर रहे हैं।
प्रवीण ने इस अभियान की शुरुआत 14 सदस्य दल के साथ 5 अप्रैल को काठमांडू नेपाल से शुरू की थी। तमाम उतार चढ़ाव और चुनौतियों से निपटते हुए 21 मई की सुबह 11 बजे प्रवीण राणा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा झंडा लहराया। बता दें कि इस अभियान के 14 सदस्यीय दल में प्रवीण उत्तराखंड से अकेले पर्वतारोही हैं। बता दे, अभी तक उत्तरकाशी जनपद में 13 लोगों ने यह करनामा किया था, जिसमें अब प्रवीण का नाम भी जुड़ गया है। उनकी इस कामयाबी से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि प्रदेश में भी खुशी की लहर है। हर कोई प्रवीण पर गर्व कर रहा है।