भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की तीन परियोजनाओं में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया है. इसमें मध्य प्रदेश सहित दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश के 22 ठिकानों पर एकसाथ छापे मारे गए. जिसमें सीबीआई को एक करोड़ दस लाख से ज्यादा की नकद राशि मिली है.
बताया जाता है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2008 से 2010 के बीच एनएच- 06 सूरज हजीरा पोर्ट खंड, एनएच-8 किशनगढ़-अजमेर ब्यावर खंड और एनएच- 02 वाराणसी-औरंगाबाद खंड का निजी ठेकेदारों को कंसोर्टियम दिया था. कंपनियों द्वारा इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एनएचआई के अधिकारियों ने निजी कंपनियों से धन स्वीकार किया. निजी कंपनी के उप ठेकेदारों द्वारा खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्ठियां दर्शाई गई.
एनएचआई के जीएम प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मैनेजर तक शामिल जानकारी के मुताबिक इस पूरी गड़बड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के महाप्रबंधक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मैनेजर जैसे नो अधिकारी शामिल थे और 13 अन्य कंपनी के अधिकारी व अज्ञात लोग भी इस आर्थिक गड़बड़ी के मामले में एनएचआई अफसरों के साथ सहभागी पाए गए. इन सभी 13 अधिकारियों व प्रायवेट लोगों के सात राज्यों के ठिकानों पर सीबीआई ने आज छापे मारे.
1.1 करोड़ नकद, 49 लाख की एफडी
सीबीआई की 22 स्थानों पर की गई कार्रवाई में एक करोड़ दस लाख रुपए की नकद राशि मिली है. यही नहीं छापे के ठिकानों पर 49 लाख 10 हजार रुपए की एफडी भी मिली है. साढ़े चार करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के सोने-चांदी के जेवरात भी मिले हैं. संबंधित लोगों से सीबीआई ने एक लाख 25 हजार रुपए की वसूली भी की है. छापे में एनएचआई के अधिकारियों के नाम से कई संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं.