देहरादून: उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को बड़ी पराजय मिली है. हार के बाद इस्तीफे का दौर जारी है. कांग्रेस अपनी गलतियों को ढूंढने में जुटी है तो वहीं गणेश गोदियाल ने प्रदेश अध्यक्ष पद से हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में अब पदों को लेकर कांग्रेस में रार दिखाई दे रही है ऐसे में जा हरीश धामी खुद को नेता प्रतिपक्ष बनाने की पैरवी कर चुके हैं वही माना जा रहा है नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह यशपाल आर्य भी नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में आगे हैं
वही गोदियाल के इस्तीफे के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. नए अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे खटीमा विधायक भुवन कापड़ी का नाम हैं. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पार्टी खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी को अच्छे मार्जिन से चुनाव हराने वाले भुवन कापड़ी को नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है.
बता दें कि भुवन यूथ कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष भी रहे हैं. भुवन कापड़ी ने सीएम धामी को हराया है. उनकी जीत इसलिए ज्यादा अहम है कि उन्होंने सीएम को तब हराया, जब पूरे राज्य में भारतीय जनता पार्टी की लहर थी. पुष्कर सिंह धामी को भाजपा के सीनियर नेता और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही फ्लावर नहीं फायर बता चुके थे. ऐसे में भुवन ने अपने व्यवहार की बदौलत इस सीट को हासिल कर ली. ऐसे में पार्टी में भुवन का कद बढ़ गया है. उन्हें जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी मिलने की खबरे आ रही है. अध्यक्ष पद के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कैंप भी कापड़ी की पैरवी कर रहा है.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2017 की तुलना में इस विधानसभा चुनाव में सीट संख्या 11 से बढ़ाकर 19 की है, उसमें बड़ी भूमिका मैदानी जिलों हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर की है. ऊधमसिंहनगर जिला नैनीताल संसदीय सीट के अंतर्गत है. कुल 14 विधानसभा सीटों में नौ सीटें ऊधमसिंह नगर जिले में हैं. जिले की पांच विधानसभा सीट पर कांग्रेस काबिज होने में सफल हुई है. 2017 में कांग्रेस को जिले में सिर्फ एक सीट प्राप्त हुई थी. 2022 में कांग्रेस ने चार और सीट हासिल की हैं.