देहरादून। उत्तराखंड सरकार दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता को सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी मदद उपलब्ध कराएगी। पीड़िता की दिल्ली में नौ फरवरी 2012 को सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और वर्तमान में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। पीड़िता मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली थी।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में पीड़िता के माता-पिता ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी के साथ जो हुआ, वह दिल दहलाने वाला था। किसी भी बेटी का पिता या किसी बहन का भाई इस पीड़ा को अच्छी तरह समझ सकता है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए राज्य सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी। राज्य सरकार और प्रदेश की जनता पीड़िता के परिवार के साथ है और हर प्रकार की मदद के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने उन लोगों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पीड़िता के लिए न्याय की आवाज को उठाया। उन्होंने अपील की कि जिस तरह राज्य वासियों ने पहले भी दिल्ली में न्याय के लिए आवाज उठाने में पीड़ित परिवार का साथ दिया, अब भी इस आवाज को उठाने में पूरा सहयोग करें। पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि नौ फरवरी 2012 को दिल्ली में उनकी बेटी की तीन दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी।दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी जरूरी है, ताकि किसी और के साथ ऐसी दुखद घटना न घटे।