चमोली में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हादसे के बाद सरकार ने अब सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल पंपिंग स्टेशनों की सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए हैं। सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
चमोली हादसे की घटना के बीच मानसून सीजन में करंट लगने की घटनाओं के खतरे के मद्देनजर सचिव पेयजल ह्यांकी ने पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक और जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक को प्रदेश के सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल पंपिंग प्लांट व अन्य ऐसे आस्थान, जहां बिजली आपूर्ति की प्रमुख भूमिका रहती है, उनमें विद्युत सुरक्षा संबंधी उपाय सुनिश्चित करने को कहा है। अपने आदेश में उन्होंने सभी प्लांट में सक्षम तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्थाओं में सुरक्षा मानकों की उपलब्धता परीक्षण (सेफ्टी ऑडिट) एक सप्ताह के भीतर कराने को कहा है। उन्होंने सप्ताह भर में इसकी रिपोर्ट देने को कहा है।
चमोली में नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी में करंट फैलने से 16 लोगों की मौत व 11 के घायल होने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरा ब्योरा दिया। मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी के साथ ही शासन और प्रशासन स्तर पर की गई गई कार्रवाई और दिशा-निर्देशों के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि जिलाधिकारी को घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायलों को एयर एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के लिए हेलिकॉप्टर से चमोली के लिए रवाना हुए। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उतर नहीं पाया। इस बीच हायर सेंटर एम्स में भर्ती कराए गए छह घायल महेश कुमार, नरेंद्र लाल, आनंद, सुशील कुमार, संदीप मेहरा, पीआरडी रामचंद्र का हाल जानने सीएम ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने एम्स पहुंचकर डॉक्टरों से घायलों के बारे में जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
सीएम ने डॉक्टरों से अपेक्षा की कि घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इस बाबत एम्स प्रबंधन से भी बात की। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दुख में धैर्य प्रदान करने की कामना की।