उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। को प्रदेशभर में 70 पक्षी मृत मिले। जिनमें कौओं के अलावा बगुला, उल्लू और कबूतर भी शामिल हैं। वन विभाग की टीम ने कुछ नए सैंपल भी जांच को भोपाल भेजे हैं। जबकि, पूर्व में भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है।
देहरादून स्थित वन मुख्यालय में बर्ड फ्लू को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जहां सभी वन प्रभागों से दैनिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल, कुमाऊं और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक समन्वय बनाकर निगरानी कर रहे हैं। मंगलवार को पौड़ी में चार कौए, सात कबूतर मृत मिले। जबकि, हरिद्वार वन प्रभाग में एक उल्लू और एक कौआ मरा मिला। देहरादून वन प्रभाग के तहत सर्वाधिक 44 कौए, नौ बगुले और चार कबूतर मृत पाए गए। मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उल्लू और बगुले के सैंपल जांच को भोपाल स्थित राष्ट्रीय हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज इंस्टीट्यूट भेजा गया है।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग, रुद्रपुर में बीते शनिवार को सात प्रवासी पक्षी मृत पाए गए। जानकारी के मुताबिक यह रेड किसटैड पोचार्ड हैं, जो नॉर्थ अफ्रीका से प्रवास को आते हैं। इनकी मौत से वन विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए विभाग ने प्रवासी पक्षियों की निगरानी बढ़ा दी है। साथ ही उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी एसबी पांडे ने बताया कि देहरादून में मुर्गों की कड़ी निगरानी की जा रही है। अभी कहीं से भी मुर्गों के मरने की सूचना नहीं है। पोल्ट्री फार्मों में रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है। विभाग ने सैंपल लेकर जांच को भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली भेजे हैं। जीवित मुर्गों के यह सैंपल एहतियात के रूप में लिए जा रहे हैं। देहरादून में 500 से 40 हजार मुर्गों वाले करीब 80 पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें से ज्यादातर सहसपुर, रायपुर और डोईवाला में हैं।