उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की लगातार पैरवी कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत और उनके समर्थकों को झटका लगा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने अगला चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही कराए जाने के पार्टी के रुख को दोबारा दोहरा दिया। यही नहीं उन्होंने संगठन की सक्रियता को लेकर फिर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की पीठ थपथपाते हुए कहा कि वह प्रदेश में पार्टी का मजबूती से नेतृत्व कर रहे हैं। बीते माह के दूसरे पखवाड़े में तीन दिनी दौरे के दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
प्रभारी की वापसी के तुरंत बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुनाव में सामूहिक नेतृत्व की खुले तौर पर मुखालफत शुरू कर दी। यही नहीं उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने पर जोर देते हुए इंटरनेट मीडिया पर लगातार कई दिनों तक मुहिम भी छेड़ी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर शुक्रवार को राजभवन कूच कार्यक्रम से हरीश रावत दूर रहे। इस कार्यक्रम से एक दिन पहले राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा भी खुलकर हरीश रावत की मुहिम के समर्थन में आए थे। उन्होंने कहा कि प्रभारी के साथ ही हाईकमान से मुलाकात कर हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग की जाएगी।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का हरदा के समर्थकों को झटका,कहा 2022 का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा
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