देव भूमि उत्तराखंड में अब जल्द ही नौनिहालों को अपनी मात्र भाषा पढ़ने को मिलेगी। बता दें की भाषा संस्थान की तरफ से बच्चों के पाठ्यक्रम में गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा को शामिल किए जाने की दिशा में काम किया जा रहा ।
भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि एस सी आर टी और भाषा संस्थान ने एक वर्कशॉप की थी जिसमे स्कूली शिक्षा में गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा को शामिल किए जाने के लिए कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
