सेना के बैंड की धुन के साथ कदमताल करते हुए 425 जेंटलमैन कैडेट अंतिम पगबाधा को पार करते हुए पासिंग आउट हो गए। इसके साथ ही भारतीय सेना को 341 युवा सैन्य अधिकारी मिल गए।जिस दिन का इंतजार था, वो घड़ी आई और सेना के बैंड की धुन के साथ कदमताल करते हुए 425 जेंटलमैन कैडेट अंतिम पगबाधा को पार करते हुए पासिंग आउट हो गए। इसके साथ ही भारतीय सेना को 341 युवा सैन्य अधिकारी मिल गए। ये नजारा था देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) का। कोरोना संक्रमण के चलते आयोजन सादगी से हुआ। इस बार भी इस विशेष घड़ी में सैन्य अफसर बनने वाले युवाओं के परिजन मौके से परेड का नजारा नहीं देख पाए। वे घरों से ही इन रणबांकुरों के सेना में शामिल होने का नजारा देख पाए।
परेड सुबर पौने छह बजे आरंभ होनी थी, लेकिन तड़के चार बजे के बाद हुई भारी बारिश के चलते इसके समय में परिवर्तन किया गया और परेड सुबह आठ बजे आरंभ हुई।
सेना की पश्चिमी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी ली।परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पास आउट बैच के 425 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। बाकी 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मारीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना के अभिन्न अंग बनेंगे।इसके साथ ही आइएमए के नाम देश-विदेश की सेना को 63381 सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2656 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशस्त्र जवान तैनात हैं। अकादमी परिसर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास है।
मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर
ले जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला। दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला। इस दौरान आइएमए कमान्डेंट ले जनरल हरिंदर सिंह,डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जगजीत सिंह मंगत समेत कई सैन्य अधिकारी मौजूद थे।