कोरोना की दूसरी लहर का खतरा निरंतर बढ़ रहा है। संक्रमण के मामलों में भी अचानक से बढ़ोतरी होने लगी है। ऐसे में नियमों में अधिकतम ढील के बीच संक्रमण को थामने की चुनौती बढ़ गई है। लिहाजा, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने संक्रमण की रोकथाम के लिए अधिक सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में अधिकारियों की बैठक लेकर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि क्वारंटाइन व कंटेनमेंट जोन की दिशा में प्रभावी काम करने की जरूरत है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि रोजाना कोरोना के कम से कम 300 टेस्ट अनिवार्य रूप से किए जाएं। जहां संक्रमण के अधिक मामले आ रहे हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। दून के सभी प्रवेश स्थलों पर निगरानी बढ़ाए जाने की जरूरत है और रैंडम सैंपलिंग में किसी तरह की ढील न बरती जाए। बाहर से आने वाले जो व्यक्ति संक्रमित पाए जा रहे हैं, उन्हें गंतव्य पर जाकर चिकित्सीय पर्यवेक्षण में संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। इस तरह के क्वारंटाइन के लिए तीलू रौतेली छात्रावास की दूसरी तल पर 18 कक्ष आरक्षित किए गए हैं।बैठक में सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह जनजागरूकता बढ़ाकर भी संक्रमण की रोकथाम के प्रयास करें। उन्होंने सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों से अपील की कि ग्राहकों के लिए मास्क की अनिवार्यता करें और तभी उन्हें सामान बेचें। इसके अलावा नगर निगम को सार्वजनिक स्थलों पर सैनिटाइजेशन बढ़ाने के निर्देश दिए गए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप कुमार आदि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने दिए निर्देश, कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए देहरादून जिला प्रशासन सतर्क
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