राज्य सरकार अब अपनी योजनाओं का धरातल पर परीक्षण करने जा रही है। विकास और जनकल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं की मौजूदा प्रगति क्या है, उनका क्रियान्वयन कितनी सफलता के साथ हो रहा है, पात्र व्यक्तियों को उनका लाभ मिल रहा है या नहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इन सवालों को आधार बनाकर अपने अब तक के कार्यकाल की वास्तवितकता जानना चाहते हैं। उन्हें सही फीडबैक मिले इसके लिए उन्होंने कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक को समयबद्ध मिशन सौंपा है। मिशन के तहत शासन के सचिवों को भी अब जनपदों की दौड़ लगानी होगी।
विश्वव्यापी महामारी कोरोना की वजह से लगभग 11 माह का वक्त जाया हो गया। विकास की रफ्तार भी प्रभावित हुई। अब जबकि कोरोना का संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित होता दिख रहा है, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य के विकास पर फोकस कर उसे गति देना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि विकास योजनाएं मानक और गुणवत्ता के साथ धरातल पर उतरें। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से लोगों को मिले, इसके लिए उन्होंने पूरे सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। अब तक खुद मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ योजनाओं की विभागवार समीक्षा कर चुके हैं। एक के बाद एक विभिन्न स्थानों के दौरा करके वह लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। क्षेत्रवार प्राथमिकता के आधार पर वह नई घोषणायें कर रहे हैं। खुद सक्रिय रहते हुए मुख्यमंत्री ने अब अफसरों को फील्ड में उतरने को कहा है ताकि धरातल पर वास्तविकता परखी जा सके। विभागीय सचिवों से कहा गया है कि वे योजनाओं की प्रगति देखें और उनका प्रभावी क्रियान्वयन करवायें। प्रभारी सचिवों को जिलों का भ्रमण कर सिस्टम का ‘रियलिटी चैक’ करने के निर्देश दिए गए हैं। कमिश्नर से विधानसभा क्षेत्रवार समीक्षा रिपोर्ट तलब की गई है। डीएम को ब्लॉक स्तर पर योजनाओं की मॉनीटरिंग का टॉस्क सौंपा गया है। लोगों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए जिलाधिकारी नियमित रूप से अपनी अदालत में वादों का निस्तारण करेंगे। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं का कोई भी प्रकरण लम्बित न रहे। सरकारी कामकाज में तेजी आए इसके लिए सुशासन दिवस 25 दिसम्बर तक सचिवालय के सभी अनुभाग को ई-ऑफिस में तब्दील करने को कहा गया है। ऐसा नहीं है कि बात सिर्फ योजनाओं की रिपोर्ट तलब किए जाने तक है, अफसरों से कहा गया है सरकारी सिस्टम की हर खामी को समय रहते दुरुस्त करवाएं। मुख्यमंत्री अगले माह (दिसम्बर) के पहले सप्ताह में खुद प्रदेशभर में जनपदवार रात्रि प्रवास करेंगे। अपने इस दौरे से पहले वह सरकार के कामकाज का वास्तविक फीडबैक चाहते हैं।
राज्य सरकार अब अपनी योजनाओं का धरातल पर परीक्षण करने जा रही है
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