हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह के अमित शाह से मुलाकात पर उठाए सवाल, अमरिंदर के सेक्युलर विचारधारा पर बताया प्रश्न चिन्ह। पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया।
humilation के आरोपों को किया खारिज।
अन्य नेताओं को उनसे कम मौके मिले। आज जब लोकतंत्र बचाने का सवाल है तो उनसे उम्मीद की जाती थी कि वो लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति खुद को समर्पित करें।
हरीश रावत का बड़ा बयान, कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर दिया बड़ा बयान। कुछ लोगों के उकसावे पर उठा रहें हैं ऐसा कदम जो उनके सिद्धान्तों से मेल नहीं खाता।फिर भी कार्यवाही नहीं हुई तब अमरिंदर सिंह को लेकर उठे सवाल। इसके बाद विधायकों की मीटिंग बुलाने का ऐलान हुआ। हालांकि अमरिंदर का आरोप है कि उन्हें बताया नहीं गया। हरीश रावत का बयान, मैं शपथ पूर्वक कह रहा हूं कि मैंने उन्हें मीटिंग की जानकारी दी।
बाद में एक पैनल बनाया जिसने कांग्रेस प्रेजिडेंट को आश्वस्त किया कि अब कार्यवाई होगी। लेकिन फिर भी कार्यवाई न होने पर मैंने खुद अमरिंदर से मुलाकात की। अमरिंदर ने खुद आश्वस्त किया कि कार्यवाई होगी।
हरीश रावत ने उठाया गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मसला। अकाली दल पर षड्यंत्र का आरोप। कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि गोली चलाने वालों पर होगी कार्यवाई। दुर्भाग्य से हाइकोर्ट में मामला ठीक से न रख पाने के कारण मामला रिजेक्ट हुआ। इससे लोगों की भावनाएं और कांग्रेस नेताओं की भावनाएं आहत हुईं।वही हरीश रावत ने साफ तौर पर कहा कि वो प्रभारी पद छोड़ने को इछुक है पार्टी नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया है।हरीश रावत ने साफ कहा कि उत्तराखंड में भी मैं चाहता हूँ दलित सीएम बने
वही उन्होंने साफ कहा कि 2 अक्टूबर से प्रदेश भर में कांग्रेसी गांव में दलितों के घर मे प्रवास करेंगे