दिल्ली: कांग्रेस इस वक्त अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है. हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जहां उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. वहीं, राज्य सभा में भी उसका दायरा सिमटता जा रहा है. पार्टी के लिए बुरी खबर ये है कि आने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद संसद के ऊपरी सदन में उसके नंबर्स और कम हो जाएंगे.
कांग्रेस का भौगोलिक ग्राफ भी तेजी से सिमट रहा है. अब 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य सभा में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं रह जाएगा. पिछले महीने यानी मार्च के आखिरी में राज्य सभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे. एके एंटनी सहित चार सदस्य रिटायर हो चुके हैं. जबकि जून और जुलाई में 9 और सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. इसमें पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं.
जानकारों का कहना है कि चुनाव के बाद राज्य सभा में कांग्रेस की संख्या ज्यादा से ज्यादा 30 सदस्यों की रह जाएगी. अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि उच्च सदन में कांग्रेस के इतने कम सांसद रहे हों. वैसे, कांग्रेस को उम्मीद है कि तमिलनाडु में 6 सीटों में से DMK एक सीट दे देगी. इसके बाद उसके सदस्यों की संख्या बढ़कर 31 हो जाएगी. हालांकि पार्टी का उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा से कोई भी सांसद नहीं रहेगा.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 17 राज्यों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने वाला है. चुनाव के बाद कई बड़े राज्यों से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नहीं रहेंगे. इनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्क्मि, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं. पंजाब की सत्ता हाथ से जाने से भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है. इसी तरह, कांग्रेस का हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा से लोकसभा में भी कोई प्रतिनिधि नहीं है.