प्यार में जीने-मरने की कसम खाने वाली प्रेमिका को अपने प्रेमी के पड़ोसी से प्यार हो गया। जब इसका पता पहले प्रेमी को लगा तो उसने दोनों के बारे में बुरी बातें प्रचारित करना शुरू कर दिया। इसके बाद पहले प्रेमी को रास्ते से हटाने के लिए अपराध को अंजाम दिया गया।
एक नाबालिग ने प्रेमी के साथ मिलकर पूर्व प्रेमी की हत्या कर दी और शव को तपोवन रोड स्थित जंगल में दफना दिया। इस घटना को अंजाम देने के बाद दोनों असम चले गए। जब उन्हें पता चला कि हत्या की किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई है तो दोबारा देहरादून आ गए।
इसी बीच नाबालिग ने अपनी बहन को इस बारे में बता दिया। इस मामले में फंसने के डर से नाबालिग की बहन ने पुलिस को सूचना दे दी। जिसके बाद रविवार को पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
रायपुर थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि 17 मार्च को क्षेत्र के चिड़ोवाली में रहने वाली एक महिला ने अपनी नाबालिग बहन की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच में पता चला कि किशोरी का करनपुर निवासी आकाश के साथ प्रेम प्रसंग है। आकाश भी उसी दिन से घर से फरार है।
पुलिस अभी किशोरी और आकाश की तलाश में जुटी ही थी कि रविवार को किशोरी की बहन ने खुद मयूर विहार चौकी पहुंचकर बहन के लौटने की सूचना दी। इसके साथ ही महिला ने चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह गुसांई को बताया कि आकाश और उसकी बहन ने किसी युवक की हत्या कर दी है। ऐसे में चौकी इंचार्ज ने बाल कल्याण अधिकारी के साथ किशोरी से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया।
किशोरी ने बताया कि उसने आकाश के साथ मिलकर 16 मार्च की रात को करनपुर निवासी नरेंद्र उर्फ बंटी की गला दबाकर हत्या की थी। इसके बाद दोनों ने उसके शव को तपोवन रोड स्थित आमवाला, ननूरखेड़ा के पास जंगल में दफना दिया। डालनवाला कोतवाली से जानकारी जुटाने पर पता चला कि 16 मार्च को वहां नरेंद्र की गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई थी। आरोपित आकाश की महाराणा प्रताप चौक के पास पंक्चर बनाने की दुकान है।
आरोपित आकाश ने पुलिस को बताया कि उसके पिता छह महीने से लापता हैं। आकाश भी करनपुर में उसी गली में रहता है, जहां नरेंद्र का घर है। इस लिहाज से दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। उनकी अक्सर मुलाकात भी होती थी। किशोरी और नरेंद्र के बीच कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों फेसबुक पर दोस्त भी थे। इसकी जानकारी आकाश को थी।
आकाश ने भी फेसबुक पर किशोरी से दोस्ती कर ली। इसके बाद दोनों में अक्सर बातचीत होने लगी। दोनों मिलने-जुलने लगे। आकाश से गहरी दोस्ती होने पर नरेंद्र में किशोरी की दिलचस्पी कम हो गई। जब नरेंद्र को आकाश और किशोरी के प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला तो उसने दोनों के बारे में दुष्प्रचार शुरू कर दिया। दोनों ने नरेंद्र को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। ऐसे में उन्होंने नरेंद्र की हत्या की योजना बना डाली।
किशोरी ने योजना के तहत मैसेंजर एप से फोन करके 16 मार्च को नरेंद्र को अपने घर बुलाया। उस दिन किशोरी की बहन की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी लगी थी। शाम को नरेंद्र किशोरी के घर पहुंचा। घर में आकाश भी मौजूद था। नरेंद्र के पहुंचने पर वह बेड के नीचे छिप गया। नरेंद्र शराब पीकर आया था।
ऐसे में वह जल्द ही सो गया। इसके बाद आकाश ने बेल्ट से नरेंद्र का गला घोट दिया। नरेंद्र विरोध न कर सके, इसके लिए किशोरी ने उसके हाथ पकड़ रखे थे। इस दौरान आकाश ने नरेंद्र के चेहरे पर मुक्का भी मारा। मौत होने के बाद दोनों ने नरेंद्र के शव को प्लास्टिक की बोरी में भरा और बोरी पर कंबल लपेट दिया।
नरेंद्र की हत्या के बाद आकाश और किशोरी उसके शव के साथ रातभर घर में ही रहे। सुबह शव को ठिकाने लगाने के लिए आकाश अपनी बहन के घर से स्कूटी लेकर आया। स्कूटी से वह शव को तपोवन रोड स्थित आमवाला ननूरखेड़ा के निकट जंगल में ले गया। वहां टायर खोलने वाले पाने से गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया। इसके बाद आकाश और किशोरी बस से हरिद्वार पहुंचे। एक दिन वहां रुकने के बाद ट्रेन से दिल्ली गए और वहां से असम चले गए।