उत्तराखंड विधानसभा सत्र का दूसरा दिन आज बेहद खास है। धामी सरकार जहां यूसीसी बिल को पास कराने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है वहीं विपक्ष ने इस पर हंगामा खड़ा किया हुआ है। सुबह मुख्यमंत्री धामी संविधान की मूल कॉपी हाथ में लेकर सदन में पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने हंगामा किया।
यूसीसी बिल को लेकर उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हम लोग इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम तो चाहते हैं कि सदन संवैधानिक प्रक्रिया और नियमावली के अनुसार चले। जो उसके अनुसार चलता है। भाजपा इसकी लगातार उपेक्षा कर रही है।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पटल पर रखा तो विधानसभा में विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए यूसीसी ड्राफ्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक एजेंडा बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस तरह का कानून बनाने का हक ही नहीं है। कहा कि 400 पेज के ड्राफ्ट पर बहस करना तो दूर पढ़ना भी मुश्किल है। प्रदेश सरकार इस सत्र को विशेष सत्र का नाम दे रही है। जबकि यह पूर्व में आयोजित विधानसभा सत्र का विस्तार है। कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी बूथ स्तर से जिला स्तर तक बैठक कर लोगों से संवाद कर रही है।
विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश होने से पहले बवाल हो गया। कांग्रेस ने कार्यमंत्रणा में विपक्ष की बात को सुनने और सदन संचालन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल ने कहा कि विपक्ष की ओर से यूसीसी पर चर्चा के लिए समय देने की मांग की गई। लेकिन सरकार ने सुनने को तैयार नहीं है। संख्या बल के आधार पर हठधर्मिता से सदन को चलाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सबके हित में है और किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का प्रदेश और देशवासियों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी। सभी इंतजार कर रहे थे कि यह उत्तराखंड की विधानसभा में कब पेश होगा। अब यह इंतजार समाप्त हो रहा है।
सीएम ने कहा कि पूरा देश उत्तराखंड को देख रहा है। उत्तराखंड के लिए यह युगांतकारी समय है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के उत्थान के लिए सभी लोग सकारात्मक रूप से चर्चा में भाग लें। यह हर पंथ, हर समुदाय और हर धर्म के लिए है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व हमने प्रदेश की जनता के सामने यह संकल्प रखा कि नई सरकार का गठन होते ही सभी धर्मों के लिए समान कानून पर काम करेंगे। समान नागरिक संहिता लाएंगे। वह समय अब आ गया है। हम सभी गौरवांवित हैं कि यह सौभाग्य उत्तराखंड को मिल रहा है, जिसे देश को लंबे समय से आवश्यकता थी। विपक्ष की शंकाओं पर धामी ने कहा कि भारत के संविधान के अनुरूप समान नागरिक संहिता रहेगी।