रविवार शाम को हिंदाव पट्टी के पुर्वाल गांव में एक तीन वर्षीय बच्चे को गुलदार ने मार दिया था, जिसके बाद से लोगों में दहशत है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गुलदार को मारने के आदेश जारी कर गांव में दो शिकारी तैनात कर दिए हैं। गुलदार की लोकेशन ट्रेस करने के लिए आठ ट्रैप कैमरे और दो पिंजरे भी लगाए गए हैं।
रविवार शाम पांच बजे लगभग पुर्वाल गांव में घर के आंगन में खेल रहे तीन वर्ष के मासूम राज को गुलदार उठाकर ले गया था। खोजबीन के बाद राज का शव घर से सौ मीटर दूर झड़ियों में मिला था। डीएफओ पुनीत तोमर ने बताया कि सोमवार को गुलदार को मारने के आदेश मिल चुके हैं, जिसके बाद शिकार जॉय हुकिल और गंभीर सिंह भंडारी को गांव में तैनात कर दिया गया है। मृतक के परिजनों को फिलहाल दो लाख का चेक दे दिए गया है। मुआवजे की शेष राशि भी शीघ्र दे दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से अपने बच्चों को अकेले नहीं छोड़ने की अपील की है।
मासूम राज की मौत के बाद से उसकी मां कुसुम लता (मंजू) और नानी आशा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। कुसुम 22 सितंबर को ही कुछ दिन के लिए मायके गई हुई है। वह बार-बार अपने बेटे को याद कर करके रो रही है। कुसुम ने रोते हुए कहा रही कि राज उसका अकेला सहारा था। आर्थिक तंगी के बीच उसने अपने बेटे का किसी तरह पालन पोषण कर उसे तीन साल का किया था।
गुलदार ने एक झटके में उससे उसका बेटा छीन लिया। नानी आशा देवी ने बताया कि रविवार सुबह वह ग्रामीणों के साथ धान की मंडाई करने के लिए खेतों में गई थी। ताकि उसे जो पैसा मिले उनसे वह अपनी बेटी कुसुम लता के लिए चप्पल खरीद सके। जब शाम को वह धान की मंडाई करके जैसे घर आ रही थी तभी ग्रामीणों ने उसे उनके नाती राज को गुलदार द्वारा उठाकर ले जाने की सूचना दी।
आशा देवी उस घड़ी को कोश रही रही है, जब उसकी बेटी उनके घर आई थी। बताया कि उनकी बेटी कुसुम लता सात माह की गर्भवती भी है। सोमवार को मृतक राज का दादा भरतलाल और अन्य ग्रामीण बणगांव से पुर्वाल गांव पहुंचे। आशा देवी के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा है। कुसुम का पति दूसरे शहर में होटल में नौकरी करता है। उन्हें घटना की सूचना दे दी है।