पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अधिकारी और उसकी पत्नी समेत सात लोगों की गिरफ्तारी के बाद कोचिंग सेंटर संचालकों में हड़कंप मचा है। पकड़े गए लोगों में पथरी के शिक्षक राजपाल समेत बाकी आरोपियों के संबंध भी कोचिंग सेंटर संचालकों से बताए जा रहे हैं। कोचिंग सेंटर एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं। इसके बाद कई कोचिंग सेंटर संचालक भूमिगत हो गए हैं।
हरिद्वार और आसपास क्षेत्र में कई कोचिंग सेंटर हैं। इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। बच्चों से मोटी फीस वसूली जाती है। पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले में पथरी का राजपाल खुद कोचिंग सेंटर में गणित पढ़ाता था। पेपर लीक मामले में उसकी गिरफ्तारी के बाद से अन्य कोचिंग सेंटर संचालकों की ओर भी जांच की सुई घूम गई है।
हरिद्वार ही नहीं ग्रामीण इलाकों में संचालित कई कोचिंग सेंटर संचालक अचानक धनाढ्य बन गए हैं। आलीशान कोठियों में रहते और महंगी गलियों में घूमते हैं। फार्म हाउस बनाए हैं। अब कई कोचिंग सेंटर संचालकों के मोबाइल भी बंद आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शिक्षक राजपाल और अन्य ने भर्ती परीक्षा के पेपर पहले ही कोचिंग सेंटरों तक पहुंचाए हैं।
सीडीआर से खुलेगा पेपर खरीदने वालों का राज
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने से लेकर उन्हें आगे बेचने वाले सातों आरोपियों को एसटीएफ ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। अब आगे की जांच शुरू कर दी गई। एसटीएफ के अलावा मामले की जांच के लिए हरिद्वार में एसआईटी गठित कर दी गई है। आरोपियों की कॉल डिटेल से पेपर खरीदने वालों का पता भी लगाया जाएगा।
आठ जनवरी को परीक्षा हुई थी। लेकिन इससे पहले ही पेपर लीक हो गया था। एसटीएफ ने दो दिन पहले ही इस मामले में लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी, उसकी पत्नी सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया था। पेपर लीक करने वाले आरोपियों के सलाखों पीछे पहुंचने के बाद अब पेपर खरीदने वाले एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं। अब आरोपियों की कॉल डिटेल खंगालने की तैयारी चल रही है। जिससे ये सामने आ सके कि आखिर कौन-कौन उनके संपर्क में थे। एसपी क्त्रसइम एवं एसआईटी प्रभारी रेखा यादव का कहना है कि एसआईटी अपनी जांच शुरू करेगी