उत्तराखंड

बिग ब्रेकिंग:- अब बेफिक्र होकर लगाएं हरिद्वार की हरकी पैड़ी में आस्था की डुबकी, पीसीबी जांच रिपोर्ट में हुई इसकी पुष्टि

चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इसकी वजह यहां का जल सबसे साफ होना बताया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की जांच रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

हरिद्वार से रुड़की तक दर्जन भर स्थानों से लिए गए गंगा जल के सैंपल की जांच में हरकी पैड़ी पर सबसे कम टोटल कोलीफार्म (टीसी) का स्तर पाया गया है। यहां टीसी का मोस्ट प्रोबेबल नंबर (एमपीएन) का स्तर 63 है। पीसीबी के अनुसार 50 एमपीएन से अधिक स्तर का पानी नहाने योग्य होता है और इसे शोधन (क्लोरीनेशन) कर पिया भी जा सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

हरिद्वार में वर्ष भर श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। पर्व स्नानों के साथ ही कांवड़, चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने हरकी पैड़ी पहुंचते हैं। इस साल चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले पीसीबी ने पिछले महीने चार अप्रैल को गंगा जल की गुणवत्ता जांचने को हरिद्वार से लेकर रुड़की तक दर्जन भर स्थानों से सैंपल लिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पीसीबी की जांच रिपोर्ट में हरिद्वार हरकी पैड़ी का पानी सबसे साफ पाया गया। यहां टीसी का स्तर 63 एमपीएन मिला है। इतना ही नहीं डिजाल्व आक्सीजन (डीओ) और बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी)का स्तर भी स्टैंडर्ड मानक से अच्छा मिला है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

जलीय जीव जंतुओं के लिए भी मुफीद पीसीबी की जांच में हरिद्वार में डीओ का स्तर 6.8 से लेकर 9.5 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है। जो न्यूनतम स्तर पांच मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा है। इससे कम स्तर जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरा माना जाता है। इतना ही नहीं बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड यानि बीओडी का स्तर 1.1 से लेकर 2.5 मिला है। जबकि मानक तीन ग्राम प्रतिलीटर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लक्सर के कुड़ीनेतवाला में एफसी स्तर 120 एमपीएन हरिद्वार के लक्सर में कुडीनेतवाला में कोलीफार्म (एफसी) का स्तर 120 एमपीएन पाया गया है। जो बगैर शोधन पीने योग्य नहीं है। हालांकि 50 एमपीएन से अधिक का पानी नहाने योग्य जरूर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बदुघाट दूधियाबन हरिद्वार, हरकी पैड़ी, ललतारौ पुल, डामकोठी, ऋषिकुल पुल, अपर गंगा कैनाल डाउन स्ट्रीम रुड़की, बाल कुमारी मंदिर अजीतपुर हरिद्वार, बिशनपुर कुंडी, सुल्तानपुर, बाणगंगा लक्सर, बाणगंगा कुडी नेतवाला और कुंआखेड़ा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सैंपलिंग के 25 मानकों में चार डिजाल्व आक्सीजन (डीओ), बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी), कोलीफार्म (एफसी) और टोटल कोलीफार्म (टीसी) प्रमुख है। हरिद्वार में 12 जगहों से गंगाजल की जांच में डीओ और बोओडी का स्तर स्टैंडर्ड मानक से अच्छा मिला है। एफसी और टीसी का स्तर मानक से अधिक होने के चलते गंगा जल बी श्रेणी में आया है जो नहाने के लिए उपयुक्त है। शोधन कर इसे पिया भी जा सकता है।

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Author: Pawan Rawat
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