उत्तराखंड के हल्द्वानी में उस वक्त तनातनी की स्थिति पैदा हो गई जब मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र कहे जाने वाले बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसे और नमाज स्थल को तोड़ने के लिए गई टीम पर हमला हो गया। इस हमले में पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों समेत 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए। तनाव की स्थिति को देखते हुए चार कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स बुला ली गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंटरनेट बंद करने की तैयारी की जा रही है।
हल्द्वानी में हमले, पथराव और आगजनी को लेकर शुक्रवार को नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वंदना सिंह ने बताया, “होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया। डीएम ने कहा, “आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।”
बनभूलपुरा में रणनीति के तहत किए गए हमले में कई पत्रकारों को भी चोट पहुंची। उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया। छायाकार संजय कनेरा भी घटनाक्रम को कवर करने पहुंचे थे। वह घटना को कवर कर दफ्तर पहुंचने के लिए जैसे ही बाहर निकले तो पथराव होने लगा। अचानक सोचा कि गली की तरफ निकलें, ताकि सामने और पीछे की तरफ से बरस रहे पत्थरों से बचा जा सके लेकिन गली में तो मौत खड़ी थी।
बेस अस्पताल के अतिरिक्त एसटीएच में डाक्टरों की टीम मौजूद रही। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीएस तितियाल भी डटे रहे। डॉ. जोशी ने बताया कि सभी विभागों के विभागाध्यक्ष समेत डाक्टरों की टीम घायलों के इलाज में लगे रहे।
एसटीएच में बदहवास की स्थिति व दिनभर भूखे रहे पुलिसकर्मियों को भोजन की व्यवस्था की गई। जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट ने खिचड़ी बनवाई और पुलिसकर्मियों को बंटवाई। इसमें भाजपा व युवा मोर्चा के कई कार्यकर्ता शामिल रहे। बिष्ट ने घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की।
कांग्रेस राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,”हल्द्वानी उत्तराखंड के हालात दुखद हैं, हल्द्वानी की जनता से शांति की अपील है, पुष्कर धामी सरकार जिस रास्ते पर चल रही है वो घोर जनविरोधी रास्ता है, हल्द्वानी और उत्तराखंड के प्रशासनिक अमले से अनुरोध है कि कानून सम्मत तरीके से कानून व्यवस्था बहाल करें, पूरा देश हल्द्वानी में अमन और शांति के लिये दुआ कर रहा है।”
शुक्रवार को बाजार एवं हल्द्वानी के सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश भी जारी हो गए। रात में बनभूलपुरा निवासी फहीम को सुशीला तिवारी अस्पताल लाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए डीएम वंदना ने रात में नगर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी कर दिए गए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “न्यायालय द्वारा दिए कए आदेशों के क्रम में प्रशासन की टीम अवैध अतिक्रमण को हटाने गई थी। वहां अराजक तत्वों के साथ पुलिस की झड़प हुई है। जिसमें पुलिस और प्रशासन के लोगों को चोट आई है… तत्काल वहां पर पुलिस और अन्य केंद्रीय बल की टुकड़ियां भेजी जा रही हैं। सभी से शांति बनाने की अपील की जाती है। कर्फ्यू लगा दिया गया है… जिन्होंने आगजनी की है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
उत्तराखंड के DGP अभिनव कुमार ने कहा, “आज शाम लगभग 4 बजे हलद्वानी के बनभूलपुरा में जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम न्यायालय के आदेशों के क्रम में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थी। उस कार्रवाई के विरोध में वहां कुछ उपद्रवी अराजक तत्वों द्वारा पथराव और आगजनी की गई। सूचना मिली है कि उन लोगों ने अवैध तसलों से पुलिस और प्रशासन पर फायरिंग भी की… थाने के आस-पास भी तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना है… सूचना मिलते ही DIG कुमाऊ भी मौके पर पहुंचे और आस-पास के जनपद से भी अतिरिक्त पुलिसबल वहां भेजा गया है।
हलद्वानी शहरी क्षेत्र में हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह आदेश आज रात 9 बजे लागू हो गया और अगले आदेश तक लागू रहेगा।
लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश, जिलाधिकारी ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया।
हल्द्वानी मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के साथ स्थिति की समीक्षा की।
