पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपियों की संपत्तियों के बारे में ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि ईडी इस मामले में जल्द एफआईआर दर्ज कर सकती है।
पेपर लीक मामले में पिछले महीने हाकम सिंह रावत और चंदन मनराल की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने ईडी को पत्र लिख इनकी संपत्तियों के बारे में बताया था। साथ ही समय-समय पर एसटीएफ की ओर से लगातार पत्र भेजे जा रहे थे।
इसके मद्देनजर अब ईडी भी सक्रिय हो गई और पुलिस से आरोपियों के संपत्तियों के बारे में ब्योरा मांगा है। ताकि, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की जा सके। इसके तहत आरोपियों की करोड़ों रुपये की संपत्ति को अटैच किया जा सकता है।
इधर, एसटीएफ ने भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इस कानून के तहत प्रापर्टी को जब्त भी किया जा सकता है। लिहाजा, एसटीएफ अपने स्तर से भी पड़ताल कर रही है। तीन दिनों से हाकम सिंह और चंदन मनराल की संपत्तियों का विवरण जुटाया जा रहा है। हाकम सिंह के सांकरी स्थित रिजॉर्ट में टीम ने डेरा डाला है। तहसील, रजिस्ट्रार कार्यालय में पड़ताल की जा रही है। चल संपत्तियों को लेकर आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में भी पड़ताल की जा रही है। इसी तरह चंदन मनराल की संपत्ति के बारे में रामनगर में टीमें जानकारी जुटा रही हैं।
हाकम सिंह की कुछ संपत्तियां
सांकरी में अलीशान रिजॉर्ट, 12 बीघा का सेब का बगीचा, 20 बीघा सेब का बगीचा लीज पर, देहरादून में पत्नी के नाम पर मकान।
चंदन मनराल की संपत्तियां
दो स्टोन क्रेशर रामनगर क्षेत्र में, ट्रांसपोर्ट कंपनी, छह डंपर व तीन जेसीबी मशीनें, एक एनजीओ।
राजेश चौहान की संपत्तियां
दो कंपनियां (टर्नओवर 111 करोड़), पत्नी के नाम पर नोएडा में फ्लैट, सीतापुर में तमाम संपत्तियां, लखनऊ में आलीशान मकान