उत्तराखंड

बिग ब्रेकिंग:- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की डॉक्टरों को नसीहत बोले मरीजों को बाहर की दवाएं न लिखें उनकी हाय लगेगी

उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दून अस्पताल के डॉक्टरों को कई नसीहतें देते हुए कहा कि गरीब मरीजों को परेशान न किया जाए, उनकी हाय लगती है। स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को अस्पताल में विभागवार मरीजों और डॉक्टरों की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि गरीब मरीज कहीं सिफारिश नहीं करता, बस अच्छे इलाज की उम्मीद में ही सरकारी अस्पताल में आता है। इसलिए ऐसे मरीजों को परेशान न किया जाए, वरना उनकी हाय लगती है।

 

मंत्री ने साफ कहा कि जितने बड़े डॉक्टर हैं, वही अपना मोबाइल फोन बंद रखते हैं। वे जूनियर और इंटर्न को न फंसाएं, बल्कि खुद राउंड लगाएं। उन्होंने फार्मेसी अफसरों से कहा कि विभिन्न वार्डों में दवाएं नहीं मिलतीं। दवाओं की आपूर्ति में देरी होती है और, तीमारदार को बाहर की महंगी दवाओं की पर्ची पकड़ा दी जाती है। सरकार गरीब मरीजों के लिए ही सुविधाएं दे रही है, पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य और एमएस को दवाओं का सिस्टम दुरुस्त करने के निर्देश दिए। डॉक्टरों को दून अस्पताल में उपलब्ध दवाएं या जनऔषधि से ही दवाएं लिखने को कहा।

 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दून अस्पताल में डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा कि सरकारी अस्पतालों में अच्छा काम हो रहा है, लेकिन देहरादून से हमेशा खराब खबर ही क्यों आती हैं। अच्छी खबरें क्यों नहीं बताई जातीं। उन्होंने एमएस और पीआरओ को निर्देशित किया कि वे रोजाना एक विभाग से अच्छी खबर मंगवाकर उसे मीडिया में जारी करें। इस दौरान उन्होंने सवाल भी किया कि हर फार्मासिस्ट आखिर स्टोर में ही रहना चाहता है, ऐसा क्यों?

 

 

इस दौरान डॉक्टरों ने दून मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और आवास में सीलन की पोल खोली। मंत्री ने प्रबंधन को इस मामले में एक महीने का समय दिया। इस दौरान बताया गया कि नई बिल्डिंग मार्च 2026 तक पूरी होगी। डॉक्टरों के आवास में पानी की समस्या भी उठाई गई। वहीं, इमरजेंसी बिल्डिंग में तीमारदार विनय, जयवीर, विकास ने मंत्री के सामने चतुर्थ तल पर सफाई व्यवस्था बदहाल होने की बात कही। वे बोले, यहां सुबह से झाडू तक नहीं लगाई गई, कचरा बिखरा पड़ा है। इस पर मंत्री ने प्राचार्य से कड़ी नाराजगी जाहिर की।

 

 

 

मंत्री ने इस बात पर भी चिंता जताई कि पीजी डॉक्टर डिलीवरी और मरीजों के इलाज से कतरा रहे हैं। मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनकी काउंसलिंग करवाई जाए। उन्होंने ब्लड बैंक को रक्तदाता बढ़ाने का टास्क दिया। इस दौरान निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने भी छात्रों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने की बात कही।

 

 

मंत्री ने गायनी में महिलाओं को ईजा बोई योजना के पैसे नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। ऑर्थो से ओटी और मानव संसाधन की कमी बताई गई। मंत्री ने मरीजों को लाइनों से मुक्ति दिलाने के लिए एमएस से प्लान मांगा। प्राचार्य को ओटी बढ़वाने के निर्देश दिए। इस दौरान प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने पैट स्कैन, रेडियोथैरेपी, पार्किंग के लिए कचहरी की जमीन दिलाने की मांग उठाई।

 

 

 

दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की गायनी विंग में प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने निरीक्षण किया। कई जगह सीलन और गंदगी दिखने पर उन्होंने नाराजगी जताई और सुधार करने के लिए कहा। मंत्री ने सफाई का स्तर सही नहीं होने पर नाराजगी जताई और तत्काल व्यवस्था बनाने को कहा। तीमारदारों से भी सफाई पर सहयोग मांगा गया। मंत्री से कुछ लोगों ने शिकायत की थी।

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Author: Pawan Rawat
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