पूर्व आईएफएस किशनचंद व अन्य अधिकारियों पर मुकदमे की शासन ने अनुमति दे दी है। कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी बनने में अनियमितता का मामला सामने आया था। पिछले सप्ताह विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर शासन से मुकदमे की अनुमति मांगी थी। डायरेक्टर विजिलेंस अमित सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हल्द्वानी सेक्टर में शाम तक मुकदमा दर्ज होगा।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएफएस किशनचंद ने अच्छे-अच्छे लोगों को पीछे छोड़ दिया। वह एक दो गुना नहीं बल्कि अपनी आय से 375 गुना संपत्ति के मालिक हैं। यह खुलासा जांच में विजिलेंस ने किया था। आईएफएस किशनचंद के खिलाफ विजिलेंस ने वर्ष 2019 में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में जांच शुरू की थी।
उन्हें कई बार बयान दर्ज करने के लिए बुलाया भी गया था। अब विजिलेंस यह जांच पूरी कर चुकी है। विजिलेंस ने करीब 33 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है। इनमें से केवल सात करोड़ रुपये की संपत्ति किशनचंद के नाम पर है। जबकि, बाकी अपने परिजनों के नाम पर खरीदी गई गई है।
बेटे के नाम पर स्टोन क्रशर, पत्नी के नाम स्कूल
किशनचंद ने अपने बेटे के नाम पर अभिषेक स्टोन क्रशर लगाया है। जबकि, पिरान कलियर में पत्नी के नाम से बृज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया गया है। पत्नी के नाम से एक ट्रस्ट भी बनाया गया है। अपने नाम संपत्ति खरीदने से किशनचंद ने लोन लिया लेकिन अभी तक नहीं लौटाया गया।
हरिद्वार डीएफओ रहते जमा कराई लोगों से धनराशि
किशनचंद ने इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी मात्रा में धनराशि जमा कराई है। यह धन उन्होंने हरिद्वार के डीएफओ पद पर रहते हुए जमा कराया है। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीनें आईएफएस किशनचंद ने अपने नाम कराई हैं। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान भी उन्होंने खरीदा है। मकान के लिए 60 लाख का ऋण स्कूल के ट्रस्ट से लिया गया है। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए हैं। इस पैसे को एक दिन पहले अलग-अलग लोगों से जमा करवाया गया।