साइबर ठग ने मुखानी निवासी युवक की कस्टमर आईडी के माध्यम से उसके खाते में लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। जब पीड़ित के खाते में रकम आ गई तो ठग ने उसे फोन कर बताया कि उसने गलती से उनके खाते में रकम ट्रांसफर कर दी है। इस तरह झांसे में लेकर ठग ने पीड़ित से 3.78 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
ठगों ने यह रकम मोबाइल एप के माध्यम से ट्रांसफर कराई। पुलिस के अनुसार जागृति विहार कॉलोनी छडायल नायक गैस गोदाम रोड निवासी कमल पाण्डे पुत्र स्व. प्रकाश चन्द पाण्डे के साथ यह वाकया हुआ। कमल के पास बीती 8 जनवरी को एक अज्ञात मोबाइल नम्बर से कॉल आया। उसने कमल से कहा कि गलती से उसके आईसीआईसी बैंक वाले खाते में 3 लाख 78 हजार रुपये आपके खाते में ट्रांसफर हो गए हैं।
वह उसे आई मोबाइल एप के माध्यम से उसके खाते में ट्रांसफर कर दें। पीड़ित ने अपना अकाउंट चेक किया तो उसमें नगदी दिखाई दी। इसी कारण उसने ठग पर भरोसा करते हुए पूरे पैसे उसे ट्रांसफर कर दिए। बाद में कमल को पता चला कि उनके खाते में जो रकम थी, वह उनके खाते से पर्सनल लोन के रूप में ली गई थी। जिसके लिए उन्होंने कभी आवेदन ही नहीं किया था। बैंक ने भी इस संबध कभी कोई कॉल नहीं की।
जांच करने पर पता चला कि साइबर ठग ने ही पीड़ित की कस्टमर आईडी के माध्यम से उनके खाते से लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। जब पैसा कमल के खाते में आ गया तो फोन कर पैसा गलती से ट्रांसफर होने का झांसा दिया। एसओ दीपक बिष्ट ने बताया मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगी से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि साइबर ठगी की घटनाओं से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आपके बैंक के पास आपकी कुछ निजी डिटेल्स मौजूद होती हैं, ऐसे किसी भी कॉलर से सावधान रहें।
यदि कोई फोन कर आपसे आपकी पर्सनल डिटेल्स जैसे पहला और आखिरी नाम, आदि पूछता है तो उसके बारे में तुरंत बैंक को सूचित करें। इसके अलावा किसी टेलीफोन सिस्टम पर अपनी पर्सनल या अकाउंट डिटेल्स को शेयर नहीं करें। ईमेल और एसएमएस पर भी डिटेल्स को शेयर नहीं करें, खासतौर पर यदि कॉलर आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट से संबंधित किसी सिक्योरिटी मामले में बात कर रहा हो।
जब कोई अनजान व्यक्ति आपको फोन करता है तो सबसे पहले आपके क्रेडिट कार्ड के पीछे दिए गए फोन नंबर पर कॉल करें। इसके अलावा बैंक स्टेटमेंट पर दिए नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं, इससे यह वेरिफाई हो जाएगा कि क्या वह नंबर असल में बैंक का है या नहीं। अगर आपके पास कोई एसएमएस या कॉल आता है, जिसमें आपकी निजी या क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसी जानकारी बिल्कुल भी साझा नहीं करें।
