उत्तराखंड के सरकारी डॉक्टरों ने 18 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल कुछ दिन के लिए टाल दी है। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ की सोमवार को हुई वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पर्वतीय जिलों में रहे रहे ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है। राज्य के सरकारी डॉक्टर लंबे समय से अपनी मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज चल रहे हैं। डॉक्टरों ने पूर्व में भी हड़ताल की चेतावनी दी थी।
लेकिन स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की ओर से सकारात्मक कार्रवाई के आश्वासन के बाद हड़ताल को 15 दिनों के लिए टाल दिया गया था। 15 दिन की अवधि 18 सितंबर को समाप्त हो रही है। लेकिन अब डॉक्टरों ने आंदोलन कुछ और दिन टालकर 23 सितंबर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. रमेश कुंवर ने बताया कि सोमवार को संघ की वर्चुअल बैठक में आंदोलन को कुछ दिन टालने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार एवं मंगलवार को राज्य में राजपत्रित अवकाश होने की वजह से आम लोगों को सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया है।
ऐसे में 18 सितंबर से हड़ताल होने से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता। उन्होंने बताया कि 18 से 22 सितंबर तक सरकारी डॉक्टर काली फीती बांधकर काम करेंगे और मांगे न माने जाने पर 23 सितंबर से हड़ताल शुरू की जाएगी।