UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड के हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर राजसी जीवन जीने वाला केंद्रपाल कभी टेंपो चलाता था। हाकम सिंह की राह पर चलकर उसने भी पेपर बेचना शुरू किया और अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा।
केंद्रपाल वर्ष 1996 में टेंपो चलाता था। इसके बाद कुछ वर्षों तक उसने रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर और फिर कपड़ों की सप्लाई का काम किया। वर्ष 2011-2012 में वह प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह से जुड़ गया।
वर्ष 2012 में केंद्रपाल की मुलाकात पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार हो चुके चंदन मनराल से हुई।
यह मुलाकात धामपुर के एक व्यक्ति के माध्यम से हुई थी। चंदन मनराल और हाकम सिंह करीबी मित्र हैं।
वर्ष 2011-12 में ही केंद्रपाल की मुलाकात हाकम सिंह रावत से हरिद्वार के एक लेबर कांट्रेक्टर के माध्यम से हुई थी। हाकम सिंह भी हरिद्वार में रहता था।
इस तरह दोनों मित्र बन गए। हाकम सिंह का केंद्रपाल के घर आना-जाना भी था।
केंद्रपाल की मुलाकात आरोपित जगदीश गोस्वामी से वर्ष 2019 में ही जागेश्वर अल्मोड़ा के एक मंदिर में हुई थी। जगदीश गोस्वामी शिक्षक होने के साथ घरों और मंदिरों में पूजा-पाठ भी कराता था। इस बीच चारों आरोपितों की एक-दूसरे से अच्छी दोस्ती हो गई। इस पर चारों ने उत्तराखंड में निकलने वाली सरकारी भर्तियों का सौदा करना शुरू कर दिया।
केंद्रपाल ने पेपर लीक व नकल करवाकर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। एसटीएफ के अनुसार, उसने कुछ समय पहले ही करीब 12 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश के धामपुर में खरीदी थी। उसका धामपुर में एक आलीशान मकान भी है। इसके अलावा वह उत्तरकाशी के सांकरी में हाकम सिंह के साथ रिजार्ट में साझेदार भी है। उसके बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा हैं। इसके अलावा भी उसकी कुछ संपत्तियां हैं।