भारत में बिना वीजा के रह रहे बांग्लादेशी दंपति को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कैंसर पीड़ित बेटी के उपचार के लिए दंपति ने पश्चिम बंगाल के रास्ते नवंबर 2023 में भारत में प्रवेश किया था। पुलिस सत्यापन में दंपति पकड़ में आए।
नारायण विश्वास पुत्र मेघनाद और उसकी पत्नी गौरी विश्वास निवासी बांग्लादेश ने बेटी काकोली के साथ 9 सितंबर 2023 को हरिदासपुर, पश्चिम बंगाल लैंड इमिग्रेशन चेक पोस्ट से मेडिकल वीजा पर भारत में प्रवेश किया था।
मेडिकल कॉलेज बेलोर तमिलनाडु में काकोली के गले में कैंसर की पुष्टि हुई। 21 नवंबर को तमिलनाडु से बांग्लादेशी दंपति बेटी को लेकर लालकुआं पहुंचे। यहां से वह गौजाजाली, बिचली में शोभा मौर्य (गौरी की बहन) के घर पहुंचे। इसी साल जुलाई में काकोली की मौत हो गई। जिसके बाद से नारायण और उसकी पत्नी गौरी आईटीआई तिराहे के पास सब्जी का ठेला लगाने लगे।
हल्द्वानी में 11 महीने से बिना वीजा के रह रहे बाग्लादेशी दंपति की पुलिस को तो दूर खुफिया विभाग को भी भनक नहीं लग पाई। सत्यापन के लिए पुलिस की टीम शुक्रवार को गौजाजाली नहीं पहुंचती तो मामला नहीं खुल पाता।
गौजाजाली के बिचली में रह रहे दंपति ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि भारत में वह सिर्फ बेटी के इलाज के लिए आए थे। कैंसर पीड़ित बेटी के इलाज में उन्होंने लाखों रुपये खर्च किए लेकिन जुलाई में एसटीएच में उसकी मौत हो गई।
बेटी की मौत के बाद नारायण विश्वास और उसकी पत्नी गौरी ने हल्द्वानी में रिश्तेदार के घर को ही ठिकाना बना लिया। सब्जी बेचकर ही दोनों अपना खर्च चलाने लगे और रिश्तेदार के साथ रहने लगे।
लेकिन अब वीजा की अवधि समाप्त होने के कारण दोनों अवैध रूप से प्रवास के आरोप में जेल चले गए। तकरीबन सालभर में खुफिया विभाग भी दंपति को ट्रेस करने में असफल रहा। सत्यापन के दौरान एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी, कोतवाल राजेश कुमार, एसआई श्याम सिंह बोरा, अमर सिंह, बबीता बोरा रहीं।